मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: CBI ने SC से कही ये चौंकाने वाली बात
लम्बे वक्त से लटके बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में अब एक नया खुलासा सामने आया है। मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, शेल्टर होम में किसी लड़की की मौत नहीं हुई।
मुजफ्फरपुर: लम्बे वक्त से लटके बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में अब एक नया खुलासा सामने आया है। मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि, शेल्टर होम में किसी लड़की की मौत नहीं हुई है। बुधवार को सीबीआई की तरफ सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ये दावा पेश किया है कि मामले में हत्या का कोई भी सबूत नहीं मिला है और जो भी कंकाल मिले हैं उसमें से कोई भी नाबालिग लड़की का कंकाल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है।
35 लड़कियों को जीवित पाया गया- सीबीआई
सीबीआई के मुताबिक, सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया। जिनकी हत्या का शक था, वो सारी लड़कियां जीवित पाई गई हैं। वहीं से मिले कंकाल कुछ अन्य वयस्कों के पाए गए हैं। सीबीआई ने अपनी जांच में ये साफ किया है कि, शेल्टर होम में किसी भी नाबालिग की हत्या नहीं की गई थी। फिलहाल इस मामले में सुनवाई जारी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा...
सुप्रीम कोर्ट में जांच एजेंसी ने हलफनामा दाखिल करने के बाद कहा कि, मुख्य मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट आगामी 14 जनवरी को अपना फैसला सुना सकती है।
सीबीआई को नहीं मिले सबूत
इस मामले में शेल्टर होम संचालक बृजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है। गौरतलब है कि, बृजेश ठाकुर द्वारा संचालित शेल्टर होम में 40 से अधिक नाबालिग लड़कियों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया था। वहीं सीबीआई को 4 शेल्टर होम्स के खिलाफ अपनी प्रारंभिक जांच में किसी भी अपराध के सबूत नहीं मिले और इनके खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
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40 नाबालिगों और लड़कियों से हुआ था रेप
बता दें कि, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिगों और लड़कियों के साथ रेप होने की बात सामने आई थी। इस मामले में शेल्टर होम संचालक बृजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है। वहीं ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी इस आरोप में शामिल हैं।
21 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय
जब मामला सुर्खियों में आया तो सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। जिसके बाद साकेत कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने इस मामले में मार्च, 2018 को आरोप तय किए थे। कोर्ट ने 21 आरोपियों के खिलाफ रेप, आपराधिक साजिश, पॉक्सो और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। 21 आरोपियों में से 8 महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं।
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