Delhi: दिल्ली के आशा किरण होम में रहस्यमय 25 मौतें, जानिए क्या है पूरा मामला

Delhi: शेल्टर होम से दिल्ली सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में मौतों की वजह लूज मोशन और बेहोशी बताया गया है। अन्य कारणों में हल्का बुखार, दस्त और उल्टी शामिल हैं।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-08-02 19:54 IST

Asha Kiran Home ( Social- Media- Photo)

Delhi:  दिल्ली सरकार द्वारा संचालित रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में फरवरी से अब तक 25 मौतें हो चुकी हैं और सबसे ज्यादा 14 मौतें तो जुलाई में दर्ज की गई हैं। इनमें से शेल्टर होम में रहने वाली आठ महिलाएं शामिल थीं। शेल्टर होम से दिल्ली सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में मौतों की वजह लूज मोशन और बेहोशी बताया गया है। अन्य कारणों में हल्का बुखार, दस्त और उल्टी शामिल हैं।

मामला है क्या

- आशा किरण दिल्ली सरकार द्वारा संचालित "मानसिक रूप से विकलांग" लोगों के लिए एक शेल्टर होम है और यह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है। राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से विभाग फिलहाल बिना किसी प्रमुख के है। इस शेल्टर होम की स्थापना 1989 में रोहिणी के सेक्टर-1 में की गई थी।

- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी में तीन, फरवरी में दो, मार्च में एक, अप्रैल में तीन मौतें हुईं। मई में कोई मौत नहीं हुई। हालांकि, जून और जुलाई में संख्या में खतरनाक तरीके से वृद्धि हुई।

- मरने वाले ज़्यादातर लोग 20 से 30 साल की उम्र के थे और उनकी मौत की वजह फेफड़ों में संक्रमण, टीबी और निमोनिया जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। बताया जाता है कि कुछ ऐसे भी मामले थे, जिनमें कैदियों में कुपोषण के लक्षण दिखे थे।

- रिपोर्ट के मुताबिक, रोहिणी के सरकारी बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में दो शवों का पोस्टमार्टम होना बाकी है। फूड पॉइज़निंग के संदेह के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट का भी इंतज़ार किया जा रहा है।।बताया गया कि एक या दो महीने में सभी रिपोर्ट आने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी।

- निवासियों की मौतों के कारण आश्रय गृह पिछले साल कई विवादों में रहा है।

राजनीति शुरू

बहरहाल, इन मौतों को लेकर अब अलग अलग स्तर पर राजनीति भी जमकर शुरू हो गई है।

क्या कहा दिल्ली सरकार ने

रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली की मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि इस शेल्टर होम में रहने वाले लोग पुलिस द्वारा रेस्क्यू किये गए परित्यक्त लोग हैं। जुलाई में मरने वाले 14 लोगों में एक बच्चा भी था। यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। 24 घंटे बाद मजिस्ट्रेट जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आएगी।

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने क्या कहा

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के सभी आश्रय गृहों की स्थिति की तीन सप्ताह में व्यापक जांच करने का निर्देश दिया है। इसमें आशा किरण के निवासियों की मौत की जांच भी शामिल है। उन्होंने पीड़ितों के माता-पिता/अभिभावकों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए भी कहा है।

महिला आयोग ने क्या किया

आशा किरण होम में मौतों की जानकारी आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा आशा किरण आश्रय गृह पहुंचीं। उन्होंने कहा - दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आश्रय गृह निर्दोष लोगों के लिए मौत का जाल बन गए हैं। आशा किरण की क्षमता 250 लोगों की है, लेकिन उसमें 450 लोग बिना उचित भोजन, पानी और दवा के रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आशा किरण में मरने वाली अधिकांश महिलाएं 40 वर्ष से कम उम्र की थीं। दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण युवा जीवन खो रहे हैं।

स्वाति मालीवाल का आरोप

दिल्ली महिला आयोग की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के समक्ष मुद्दा उठाने के बावजूद आशा किरण में समस्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मालीवाल ने कहा कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगी।

भाजपा का आरोप

भारतीय जनता पार्टी ने मौतों को लेकर आप सरकार की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि इस शेल्टर होम में अनियमितताएं और लापरवाही है। दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि यहां पूरी तरह अव्यवस्था है। कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है और यहां रखे गए लोगों की उचित देखभाल नहीं हो रही है। कई बच्चे कुपोषण से पीड़ित हैं।

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