पीएम मोदी ने की अहम बैठक, शाह और सीतारमण के साथ इन मुद्दों पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक अहम बैठक की। इसमें भारत में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में विदेशी निवेश के साथ ही स्थानीय स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक अहम बैठक की। इसमें भारत में निवेश की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। इस बैठक में विदेशी निवेश के साथ ही स्थानीय स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
जिससे कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड 19 महामारी के कारण हो रही क्षति से उबारा जा सके। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, वाणिज्य व उद्योग मंत्री और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में भारत में निवेश लाने और भारतीय घरेलू क्षेत्रों को फास्ट-ट्रैक मोड में बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की गई।
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यह भी तय हुआ कि उन्हें जरूरी आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जानी चाहिए। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि निवेशकों के लिए अधिक सक्रिय दृष्टिकोण के साथ उनकी समस्याएं दूर कर केंद्र और राज्योंं की ओर से उन्हें सभी आवश्यक मंजूरी समयबद्ध तरीके से देने में मदद करनी चाहिए।
बुनियादी ढांचे को अधिक बढ़ावा देने के लिए बनाई जाये नीति
इससे देश में निवेश करने वाली कंपनियों को फायदा होगा और उन्हें जल्द से जल्द काम शुरू करने में मदद मिलेगी। बैठक में एक नीति बनाने पर विचार हुआ, जिससे देश में मौजूदा औद्योगिक भूमि/प्लॉ ट/एस्टेट में बुनियादी ढांचे को अधिक बढ़ावा देने दिया जा सके।
अपनी रणनीतियों को विकसित करने और निवेश को आकर्षित करने में अधिक सक्रिय होने के लिए मार्गदर्शक राज्यों पर विस्तृत चर्चा की गई।
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यह भी चर्चा की गई थी कि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा की गई सुधार की पहल को लगातार जारी रखा जाना चाहिए। निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए समयबद्ध तरीके से कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा हुआ है। इसका प्रभाव औद्योगिक गतिविधियों पर पड़ रहा है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने और विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। चीन की कंपनियां भी भारत में आने की इच्छा जता चुकी हैं।
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