मोदी सरकार ने जल, थल और वायु सेना के इन नियमों को बदला, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
केंद्र सरकार ने थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के सेवा नियमों में बदलाव किए हैं। इनके सेवा नियमों में संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद तीनों सेवाओं के प्रमुखों में से जिन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने थल सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के सेवा नियमों में बदलाव किए हैं। इनके सेवा नियमों में संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद तीनों सेवाओं के प्रमुखों में से जिन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए तय किए गए ड्यूटी चार्ट के मुताबिक, सीडीएस प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले परमाणु कमान प्राधिकरण के सदस्य भी होंगे।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार सैन्य नियमावली, 1954 में बदलाव किए गए हैं। सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सीडीएस पद के सृजन को मंजूरी दी थी जो तीनों सेनाओं से संबंधित सभी मामलों के लिये रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे।
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बिपिन रावत का नाम सीडीएस की रेस में सबसे आगे
नियमों के अनुसार सैन्य प्रमुख अधिकतम तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक या जो भी पहले आए, सेवा कर सकते हैं। हालांकि सीडीएस के कार्यकाल की अभी घोषणा नहीं की गई है।
सरकार कुछ ही दिनों में पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के नाम का एलान कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की नियुक्ति समिति सीडीएस पद के लिए सैन्य अफसरों के पैनल के नामों पर विचार करेगी, जिसमें सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का नाम भी शामिल है।
सरकार के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सीडीएस सैन्य मामलों के सबसे उच्च अधिकारी हाेंगे और तीनों सेना प्रमुखों से ऊपर होंगे। सीडीएस पद पर चार सितारा जनरल को नियुक्त किया जाएगा।
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सीडीएस चीफ ऑफ स्टाफ समिति के स्थायी अध्यक्ष होंगे
सीडीएस कार्यालय को छोड़ने के बाद वह किसी भी सरकारी पद के पात्र नहीं होंगे। इतना ही नहीं, सीडीएस पद छोड़ने के बाद वह बिना पूर्व मंजूरी के पांच साल तक निजी क्षेत्र से नहीं जुड़ पाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक सीडीएस चीफ ऑफ स्टाफ समिति के स्थायी अध्यक्ष होंगे। इस भूमिका में एकीकृत रक्षा स्टाफ उनकी मदद करेगा। नई तकनीक और साइबर युद्ध के सूरत में बेहतर तालमेल और समन्वय के लिए तीनों अंग सीडीएस के कमान में काम करेंगे। रक्षा और सामरिक मामलों में सीडीएस पीएम और रक्षामंत्री के मुख्य सलाहकार होंगे।
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