मोदी सरकार ने लिया फैसला, बेची जाएंगी ये पांच बड़ी कम्पनियां, यहां जानें पूरा सच

केंद्र सरकार अपनी कई कंपनियों का निजीकरण करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। दिवाली से पहले इसका खाका तैयार कर लिया जाएगा। वहीं अब नई पॉलिसी के तहत नीति आयोग और विनिवेश व पब्लिक असेट मैनेजमेंट विभाग (दीपम) को नोडल विभाग बना दिया गया है।

Update:2023-07-17 15:29 IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार अपनी कई कंपनियों का निजीकरण करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। दिवाली से पहले इसका खाका तैयार कर लिया जाएगा। वहीं अब नई पॉलिसी के तहत नीति आयोग और विनिवेश व पब्लिक असेट मैनेजमेंट विभाग (दीपम) को नोडल विभाग बना दिया गया है।

मंत्रालयों की नहीं रहेगी भूमिका

दीपम की भूमिका बढ़ने के बाद अब जिन मंत्रालयों के अंदर यह कंपनियां आती हैं, उनकी किसी तरह की कोई भूमिका नहीं रहेगी।

दीपम, नीति आयोग के साथ मिलकर के उन कंपनियों को देखेगा, जिनमें सरकार अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है।

वहीं दीपम विभाग के सचिव विनिवेश के लिए बने अंतर-मंत्रालय समूह के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।

सरकार इच्छुक कंपनियों के साथ करेगी बैठक

अधिकारियों के मुताबिक, जिन कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचेगी, उनकी दो चरणों में बोली लगेगी।

पहले चरण में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) मंगाया जाएगा और दूसरे चरण में वित्तीय बोलियां मांगी जाएंगी।

पहले चरण के लिए सरकार इच्छुक कंपनियों के साथ बैठक और रोड शो भी करेगी।

विनिवेश का पूरा चरण चार से पांच माह में पूरा हो जाएगा।

जिन कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है, उनमें प्रमुख तेल मार्केटिंग कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन

लिमिटेड (बीपीसीएल) भी शामिल है।

इसके अलावा भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल), कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) और शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया शामिल हैं। कंटेनर कॉरपोरेशन में 30 फीसदी हिस्सा बेचने को मंजूरी दी गई है।

55 हजार करोड़ रुपये की बीपीसीएल

बीपीसीएल का नेटवर्थ फिलहाल 55 हजार करोड़ रुपये है। इससे सरकार का लक्ष्य 65 हजार करोड़ रुपये की उगाही करने का है। इसके लिए ससंद से भी मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। पिछले साल सरकार ने ओएनजीसी पर एचपीसीएल के अधिग्रहण के लिए दबाव डाला था।

इसके बाद संकट में फंसे आईडीबीआई बैंक के लिए निवेशक नहीं मिलने पर सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में एलआईसी को बैंक का अधिग्रहण करने को कहा था। सरकार विनिवेश प्रक्रिया के तहत संसाधन जुटाने के लिये एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (ईटीएफ) का भी सहारा लेती आयी है।

इस विनिवेश के बाद सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) का प्रारुप तैयार कर सकती है। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्रियों का समूह एक पखवाड़े में फैसला लेगा।

सरकार एयर इंडिया की 30 हजार करोड़ रुपये की उधारी को अपने ऊपर लेगी। ईओआई से निवेशकों को पूरी तरह से पारदर्शिता मिलने की बात कही गयी है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला करारा हमला

मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी की तरफ से आज ट्वीट करते हुए बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोला गया है। ट्वीट में लिखा गया है कि मोदी सरकार बेचेगी सरकारी कम्पनियां।

उसके आगे लिखा गया है, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड, कंटेनर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया जैसी कम्पनियां बिक रही है।

सबसे आखिर में केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए पीएम मोदी के भाषणों को लेकर करारा हमला बोला गया है।

 

ट्वीट इस प्रकार है, 2014: मैं देश नहीं बिकने दूंगा

2019: मैं कुछ नहीं बचने दूंगा।

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