10,000 भारतीयों पर नजर: साइबर हमले की तैयारी, चुराया जा रहा डाटा

पिछले दिनों चीन द्वारा दुनिया के तमाम देशों के मशहूर लोगों की जासूसी करने की घटना के बाद अब बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अंतर्गत नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के कई कंप्यूटरों में हैकर्स ने सेंधमारी की है।

Update: 2020-09-18 07:46 GMT
पिछले दिनों चीन द्वारा दुनिया के तमाम देशों के मशहूर लोगों की जासूसी करने की घटना के बाद अब बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अंतर्गत नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के कई कंप्यूटरों में हैकर्स ने सेंधमारी की है।

नई दिल्ली। पिछले दिनों चीन द्वारा दुनिया के तमाम देशों के मशहूर लोगों की जासूसी करने की घटना के बाद अब बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अंतर्गत नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के कई कंप्यूटरों में हैकर्स ने सेंधमारी की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम ने इस मामले में सितंबर के शुरुआत में ही केस दर्ज किया है। नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के इन कंप्यूटर्स में भारतीय सुरक्षा, नागरिक, बड़े वीआईपी(VIP) हस्तियों से जुड़ा डाटा उपलब्ध रहता है। इनमें तमाम देशों के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तक का डाटा शामिल है।

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साइबर हमले

ऐसे में सामने आई जानकारी के अनुसार, ये हमला बेंगलुरु की एक फर्म से किया गया है। नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के कर्मचारियों को एक मेल आया था, जिसने उस मेल के लिंक को क्लिक किया, और तुरंत ही उसका डाटा गायब हो गया।

साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि इस साइबर हमले में लगभग 100 कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया था। जिसमें कुछ नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के थे और कुछ IT मंत्रालय से जुड़े थे।

फोटो-सोशल मीडिया

इसके अलावा इस मामले के बाद नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। अभी इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के मानें तो बेंगलुरु में एक अमेरिकी कंपनी से ये मेल आया था। जिसकी जानकारी आईपी एड्रेस से प्राप्त हुई है।

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10,000 भारतीयों पर नजर

बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन की कुछ कंपनियां करीब 10,000 भारतीयों पर नजर रख रही हैं। इनमें प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, नेता, खिलाड़ी, अभिनेता समेत कई हस्तियों के डाटा पर नजर रखी जा रही है। चीनी कंपनी इन सभी की हर हलचल को रिकॉर्ड कर रही है।

ऐसे में इस खुलासे का मुद्दा संसद में उठा था, जिसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से चीनी दूतावास में शिकायत दर्ज कराई गई। इसके साथ ही एक कमेटी का गठन किया गया है जो पूरे मामले को देख रही और सख्ती से पड़ताल की जा रही है।

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