National Voters' Day: जागरूकता फैलाने और एक वोट की ताकत समझाने का दिन
राष्ट्रीय मतदाता दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि पूरे देश में मतदाताओं की संख्या बढ़े, खासकर युवा मतदाताओं की। यह मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मतदाता दिवस इसलिए भी मनाया जाता है कि पूरे देश में मतदाताओं की संख्या बढ़े, खासकर युवा मतदाताओं की। यह मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी मनाया जाता है। इस साल दसवां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है।
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मतदाता की ताकत
मतदाता के पास वह ताकत होती है कि वह सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है, इसलिए कभी भी एक वोट की ताकत को कम नहीं आंके। जानते हैं मतदाता दिवस का महत्व व इतिहास..
25 जनवरी भारत निर्वाचन आयोग (ECI) का स्थापना दिवस है जो 1950 को अस्तित्व में आया था। इस दिन को पहली बार 2011 में मनाया गया था ताकि युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह वोट के अधिकार और भारत के लोकतंत्र मनाने का भी दिन है। चुनाव आयोग का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, विशेष रूप से पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है।
आयु
*बता दें कि पहले मतदाता की आयु 21 साल थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 साल कर दिया गया था। 1998 के साठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता पात्रता की आयु कम कर दी।
शुरूआत
* मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ। इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था।इसका आरंभ 1950 में चुनाव आयोग के 61 वें स्थापना दिवस पर हुआ था। 2011 के पहले यह दिन अस्तित्व में नहीं था।
मतदाताओं की पहचान
pe *सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाती है, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी। इस क्रम में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाते हैं। साथ ही उन्हें वोटर आईडी प्रदान की जाती है।
*नए मतदाताओं को पहचान-पत्र बांटने का काम समाजसेवी, शिक्षक एवं गैर-राजनीतिक व्यक्ति करते हैं। इस अवसर पर वोटर्स को बैज भी दिया जाता है जिस पर लिखा होता है, - 'मतदाता बनने पर गर्व है, मतदान को तैयार हैं।'
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*विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में मतदान को लेकर कम होते रुझान को देखते हुए चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया था। मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। इसमें कोई दबाव नहीं होता। देश की जनता को मतदान के लिए जागरूक करने का काम चुनाव आयोग इसी माध्यम से करता है।
बढ़ावा देने
*मतदाता दिवस के दिन भाषण प्रतियोगिता, हस्ताक्षर अभियान, नए वोटर्स को वोटर आईडी वितरण, वोटर्स की फोटोग्राफी आयोजन होते हैं। देश में मतदान योग्य वयस्कों का पता लगाने, वोटर्स को चिन्हित करने के लिए, वोटर संख्या पता करने के लिए, वोटिंग को बढ़ावा देने के लिए भी मतदाता दिवस मनाया जाता है।