नवीन पटनायक ने दिया भाजपा को झटका, NRC का नहीं करेंगे समर्थन

संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने में मोदी सरकार के मददगार बने बीजू जनता दल के नेता और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने देश भर में एनआरसी लागू करने का विरोध किया है।

Update:2019-12-19 13:21 IST

नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने में मोदी सरकार के मददगार बने बीजू जनता दल के नेता और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने देश भर में एनआरसी लागू करने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन करती है क्योंकि यह कानून सिर्फ विदेशियों पर लागू होता है, भारतीयों पर नहीं। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को नागरिकता बिल को लेकर शांति बनाए रखनी चाहिए और अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए। पटनायक एनआरसी का विरोध करने वाले देश के सातवें मुख्यमंत्री हो गए हैं।

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नागरिकता कानून का समर्थन मगर एनआरसी का नहीं

उड़ीसा के सीएम ने कहा कि लोगों को यह समझना चाहिए कि संशोधित नागरिकता कानून का भारतीयों से कोई लेना देना नहीं है। यह सिर्फ विदेशियों पर लागू होने वाला कानून है। बीजद सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में साफ कर दिया था कि वह एनआरसी का समर्थन नहीं करते हैं। पटनायक ने कहा कि हमने नागरिकता बिल का भले ही समर्थन किया है मगर हम एनआरसी का समर्थन नहीं करते। हाल में मुख्यमंत्री ने मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी को लागू नहीं करेगी।

लोगों के सवाल पर दिया स्पष्टीकरण

इससे पहले ओडिशा के लोगों राजधानी में नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्ण रैली निकाली थी और मुख्यमंत्री पटनायक से अनुरोध किया था कि वह संशोधित नागरिकता कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) पर बीजू जनता दल का रुख स्पष्ट करें। माना जा रहा है कि एनआरसी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पटनायक ने एनआरसी को लेकर अपना और अपनी पार्टी का रुख साफ किया है।

सांसद ने कहा-नहीं बना सकते दबाव

इस बीच पुरी लोकसभा सीट से बीजद सांसद पिनाकी मिश्र ने कहा कि एनआरसी में लोगों को निशाना बनाने की पूरी गुंजाइश है। एनआरसी के तहत किसी को भी अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई मुझे नागरिकता साबित करने के लिए कह दे तो यह मेरे लिए भी कठिन काम होगा क्योंकि मेरे पास जन्म प्रमाणपत्र भी नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर केन्द्र सरकार राज्य सरकारों पर कोई दबाव नहीं बना सकती।

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सात सीएम एनआरसी के खिलाफ

पटनायक से पहले बिहार में भाजपा के सहयोगी दल जदयू के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनआरसी पर रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि इसे पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता। नीतीश कुमार की पार्टी ने भी लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था। नवीन पटनायक व नीतीश कुमार से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केरल के सीएम पी.विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी एनआरसी को पूरे देश में लागू करने का विरोध किया है। इनके अलावा दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और तेलंगाना की टीआरएस ने एनआरसी को लेकर विरोध जताया है। इन दोनों दलों ने नागरिकता संशोधन बिल का भी संसद में विरोध किया था।

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