NCERT Syllabus Change: NCERT ने हटाई विज्ञान के पाठ्यक्रम से चार्ल्स डार्विन की थ्योरी

NCERT Syllabus Change: एनसीईआरटी ने कक्षा 9 और 10 के विज्ञान पाठ्यक्रम से चार्ल्स डार्विन की एवोलुशन थ्योरी को हटाने का फैसला लिया है। ऐसे में भारत के वैज्ञानिक एनसीईआरटी के ख़िलाफ़ नज़र आ रहे हैं |

Update:2023-04-25 23:26 IST
NCERT ने हटाई विज्ञान के पाठ्यक्रम से चार्ल्स डार्विन की थ्योरी

NCERT Syllabus Change: आए दिन शिक्षा के छेत्र में हो रहे बदलावों से सुर्ख़ियों में रहने वाला राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) एक बार फिर से चर्चा में है।

कक्षा 9 और 10 के विज्ञान पाठ्यक्रम में बदलाव
एनसीईआरटी ने विज्ञान के महान वैज्ञानिकों में से एक चार्ल्स डार्विन की एवोलुशन थ्योरी को पाठ्यक्र्तम से हटाने का फैसला लिया है। जिसके बाद भारत के 1,800 से अधिक वैज्ञानिक, अध्यापक और विज्ञान प्रेमियों ने इस फ़ैसले की कड़ी निंदा करी है।

एनसीईआरटी को ज़ारी हुआ एक लेटर

एनसीईआरटी को एक हस्ताक्षर रहित ओपन लेटर भी ज़ारी किया गया है। इस लेटर में भारतीय विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे बड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किये गए है। ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी ने एनसीईआरटी के इस फ़ैसले की निंदा भी करी है।

वैज्ञानिकों ने किया बवाल

भारत के सभी वैज्ञानिकों का मना है कि विज्ञान के पाठ्यक्रम से चार्ल्स डार्विन की थ्योरी को हटाना विज्ञान का मज़ाक उड़ाने के सामान है। सभीवैज्ञानिकों ने एनसीईआरटी के इस फ़ैसले को ग़लत बताया है। सभी वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना काल में छात्रों का बोझ कम करने के लिए सभी विषयों का पाठ्यक्रम कम करा गया था। जिसके बाद विज्ञान के चैप्टर 9 और हेरेडिटेरी एंड इवोल्यूशन को बदलने की लगातार बात चल रही थी। देशभर के वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने पाठ्यक्रम के बदलाव को बहाल किया जाए देशभर के सैकड़ों शिक्षाविदों ने इस पर अपनी आपत्ति जताते हुए एनसीईआरटी से मांग की है कि माध्यमिक शिक्षा में डार्विन के विकासवादी सिद्धांत को बहाल किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास की प्रक्रिया को समझना वैज्ञानिक सोच के निर्माण में महत्वपूर्ण है। छात्रों को इससे वंचित करना शिक्षा का उपहास है।

इसके पूर्व एनसीआरटी ने इतिहास के पाठ्यक्रम में किया था बदलाव

एनसीईआरटी ने हाल ही में इतिहास की किताबों में कुछ अंशों को भी हटा दिया है। खासकर 12वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से मुगलों और 11वीं कक्षा की किताब से उपनिवेशवाद से संबंधित कुछ अंश को हटाया गया है। इसके अलावा महात्मा गांधी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कुछ तथ्य भी पुस्तकों से हटाए गए हैं।

पाठ्यक्रम बदलावों पर एनसीआरटी का जवाब

सभी पाठ्यक्रमों के बदलाव के विषय में एनसीआरटी का कहना है कि यह सभी बदलाव कोरोना काल को मद्देनज़र रखते हुए गतवर्ष करे गए थे। ऐसे में एनसीईआरटी ने विशेषज्ञों की राय के आधार पर छात्रों का कोर्स कुछ कम करने का निर्णय लिया, ताकि लंबे समय बाद स्कूल आए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम रहे।

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