200 करोड़ की मालकिन ये महिला, कमाती है 14 हजार महीना

बुजुर्ग महिला जिसकी महीना कमाई 14 हजार रुपये हो और उसे आयकर विभाग का नोटिस आ जाए वो भी 200 करोड़ रूपए के कालेधन पर, तो हर कोई दंग रह जायेगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

Update:2020-07-19 23:29 IST

मुंबई: एक बुजुर्ग महिला जिसकी महीना कमाई 14 हजार रुपये हो और उसे आयकर विभाग का नोटिस आ जाए वो भी 200 करोड़ रूपए के कालेधन पर, तो हर कोई दंग रह जायेगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

महिला के स्विस बैंक खाते में 200 करोड़

दरअसल, रेनु थरानी नाम की 80 साल की बुजुर्ग महिला का कथित तौर पर खाता एचएसबीसी जिनेवा में होने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि कालेधन को जमा करने वाले स्विस बैंक में 'थरानी फैमिली ट्रस्ट' के नाम से खाता है, जिसकी एकलौती विवेकाधीन लाभार्थी रेनू हैं। साल 2004 जुलाई में केमैन आइलैंड्स की जीडब्ल्यू इन्वेंस्टमेंट के नाम पर ये खाता खुला था, इसका फंड फैमिली ट्रस्ट को एडमिनिस्ट्रेटर (व्यवस्थापक) के तौर पर ट्रांसफर कर दिया गया।

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय नहीं दी जानकारी

वहीं भारत में रहने वाली रेनू थरानी ने साल 2005-06 में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसकी जानकारी नहीं दी। उस दौरान उन्होंने अपनी सालाना आय महज 1.7 लाख रुपये बताई थी। बंगलूरू में निवास का पता देते हुए खुद को भारतीय करदाता बताया था।

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खुद को अप्रवासी बताया

विभाग ने मामला दोबारा साल 2014 अक्टूबर में खोला और नोटिस गयी तो थरानी ने एक शपथपत्र दाखिल कर दिया। शपथ पत्र में कहा गया कि उनका एसबीसी जिनेवा में कोई बैंक खाता नहीं है और न ही वह जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट बैंक में शेयरधारक हैं। इतना ही नहीं रेनू थरानी ने खुद को अप्रवासी बताते हुए हवाला दिया कि अगर ऐसा कोई खाता उनके नाम हैं और उसमे राशि भी हैं तो भी उनसे इसके एवज में टैक्स नहीं लिया जा सकता। बता दें कि इसके पहले साल 2005-06 में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उन्होंने खुद को भारतीय टैक्स पेयर बताया था।

महिला ने दो सौ करोड़ रुपये की राशि कैसे जुटाई

मामले में आईटीएटी की पीठ ने कहा है कि यह हो सकता है कि वह गैर-आवासीय स्थिति के अपने पहले वर्ष में थीं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि महिला ने इतने कम समय में दो सौ करोड़ रुपये की राशि कैसे जुटाई।

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टैक्स के साथ पेनाल्टी का भुगतान करने का आदेश जारी

थरानी को लेकर कहा गया कि वे कोई सार्वजनिक हस्ती नहीं हैं और न ही कोई चैरिटी चलाती हैं, जिससे यह मान लिया जाए कि उनके ट्रस्ट में किसी ने इतनी बड़ी रकम दान में देदी। आयकर विभाग अपीलीय ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) की मुंबई शाखा ने महिला को टैक्स के साथ पेनाल्टी का भुगतान करने का आदेश दिया है।

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