NEET 2022: परीक्षा देने गई छात्राओं से अंडरगारमेंट्स उतरवाने के मामले पर बवाल, संसद में भी उठा मुद्दा

NEET 2022: सोमवार को ये मामला उस समय सामने आया, जब एक लड़की के पिता ने इसे लेकर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-07-19 06:42 GMT

NEET परीक्षा (photo: social media ) 

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NEET 2022: रविवार को केरल के कोल्लम से एक हैरान कर देने वाली खबर आई थी, जिसमें NEET परीक्षा देने गई छात्राओं से अंडरगारमेंट्स  ( forced girls to remove undergarments) उतरवा लिया गया था। परीक्षा के बाद जब छात्राओं ने ये बात अपने परिजन से बताई, तो बवाल मच गया। बताया जा रहा है कि सुरक्षा जांच के दौरान ब्रा के हुक के संपर्क में आने से मेटल डिटेक्टर की बीप बज उठी। इसके बाद परीक्षा देने आए सभी छात्राओं से ब्रा उतरवा लिए गए।

मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, सोमवार को ये मामला उस समय सामने आया, जब एक लड़की के पिता ने इसे लेकर थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई। एफआईआर के मुताबिक, ये घटना कोल्लम स्थित मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की है। परीक्षा देने आई सभी छात्राओं से इनरवियर निकालने को कहा गया। छात्रा का कहना था कि उसने ब्रा निकालने से मना किया था। इस पर जांच कर रही महिला कर्मचारी ने कहा कि आपको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा।

महिला कर्मचारी ने कहा कि भविष्य जरूरी है या इनरवियर ? बस इसे हटा दें और हमारा समय बर्बाद न करें। ऐसा कई छात्राओं के साथ हुआ। छात्रा ने बाद में ब्रा अपनी मां को दे दी ताकि परीक्षा में बैठने की इजाजत मिल सके। शिकायत में यह भी कहा गया कि परीक्षा केंद्र पर करीब 90 प्रतिशत छात्राओं को अपने इनरवियर निकालने पड़े। परीक्षा केंद्र पर कई लड़कियां रो रहीं थी और मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रही थीं।

पुलिस ने केस दर्ज करने की पुष्टि की

कोल्लम पुलिस चीफ केबी रवि ने केस दर्ज कराए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पीड़ित ,छात्रा की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है। महिला अधिकारियों की एक टीम ने छात्रा का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया है। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है। इसमें शामिल लोगों को जल्द ही अरेस्ट किया जाएगा।

इंस्टीट्यूट ने घटना की जिम्मेदारी लेने से किया इनकार

नीट परीक्षा आयोजित करवाने वाले मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने ये कहते हुए घटना की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है कि छात्राओं की तालाशी और बायोमेट्रिक जांच बाहरी एजेंसियों द्वारा की गई थी।

घटना की हो रही कड़ी निंदा, संसद में उठा मुद्दा

इस घटना की विभिन्न सियासी दलों और युवा संगठनों ने कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने कहा कि परीक्षा किसी सरकारी एजेंसी ने नहीं कराई है। ऐसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम परीक्षा केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से इसकी शिकायत करेंगे। वहीं मंगलवार को यह मामला संसद में भी उठा। लोकसभा में केरल के आरएसपी से सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इस मुद्दे को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

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