NEET-UG 2024: NEET के विवादित सवाल की हो जांच, SC से IIT दिल्ली निदेशक को मिला ये निर्देश

NEET UG 2024 ROW: नीट विवाद के पर सुप्रीम कोर्ट 40 याचिकाएं डाली गई हैं। अधिकांश याचिकाएं परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की मांग को लेकर डाली गई हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच रही है।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-07-22 12:10 GMT

NEET-UG 2024 ROW (सोशल मीडिया)

NEET-UG 2024 ROW: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- IIT दिल्ली के डायरेक्टर एक्सपर्ट पैनल बनाएं; कल 12 बजे तक रिपोर्ट दें नीट यूजी- 2024 परीक्षा में कथित धांधली के मामले में डाली गईं याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के निदेशक को तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गाठित करने से आदेश दिया है। कुछ छात्रों ने प्रश्न के दो विकल्पों के लिए अंक देने के नेशनल स्टेटिंग एजेंसी (NTA) के फैसले को चुनौती दी थी। जिस कोर्ट सुनवाई करते हुए नीट में क्वेश्चन नंबर 19 के लिए आईआईटी दिल्ली के निदेशक को तीन सदस्यीय एक्सपर्ट बॉडी गठित करने और सही ऑप्शन बताने को कहा गया है, इसके लिए 23 जुलाई, कल तक समय दिया गया है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई कल करेगा।

सुनवाई कल भी रहेगी जारी

नीट विवाद के पर सुप्रीम कोर्ट 40 याचिकाएं डाली गई हैं। अधिकांश याचिकाएं परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की मांग को लेकर डाली गई हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की बेंच रही है, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। आज सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि जैसा कि प्रश्न के अनुसार, छात्रों को अपने उत्तर के रूप में एक विकल्प चुनना था। सही उत्तर के संबंध में समस्या को हल करने के लिए, हमारा विचार है कि आईआईटी दिल्ली से एक विशेषज्ञ की राय मांगी जानी चाहिए। हम आईआईटी दिल्ली के निदेशक से संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का अनुरोध करते हैं। निदेशक द्वारा गठित विशेषज्ञ टीम से अनुरोध है कि वे सही विकल्प पर राय तैयार करें और कल दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें। बेंच रजिस्ट्रार जनरल से आग्रह किया कि वह आईआईटी दिल्ली के निदेशक को आदेश से अवगत कराएं, ताकि राय तैयार करने के लिए शीघ्र कदम उठाए जा सकें। एक्सपर्ट कमेटी 23 जुलाई दोपहर 12 बजे तक सही उत्तर बताएं। मामले की सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

विवाद सवाल पर याचिकाकर्ता का कोर्ट में तर्क

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि एनटीए द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, छात्रों को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक के नवीनतम संस्करण का पालन करना था। याचिकाकर्ता के अनुसार, टेस्ट बुकलेट कोड एस3 में प्रश्न संख्या 19 के लिए विकल्प 4 सही उत्तर है। पुराने एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार, विकल्प 2 सही विकल्प है। नीट प्रवेश परीक्षा में 711 अंक प्राप्त किए याचिकाकर्ता ने कोर्ट ने कहा कि उसने अस्पष्टता के कारण प्रश्न का उत्तर नहीं देने का विकल्प चुना, ताकि नेगेटिव मार्किंग से बचा जा सके। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि विकल्प 2 का चयन करने वाले छात्रों को अंक देने का एनटीए का निर्णय अपने निर्देश के विपरीत है कि नवीनतम एनसीईआरटी संस्करण का पालन किया जाना चाहिए। यह ध्यान देने योग्य है कि 720/720 अंक पाने वाले 61 छात्रों में से 44 इस प्रश्न के लिए दिए गए अनुग्रह अंक के लाभार्थी हैं।

बात सही हो सकती, बोले सीजेआई

याचिकाकर्ताओं के इस पर CJI ने कहा कि यह एक शक्तिशाली तर्क है। निर्देश है कि नवीनतम NCERT संस्करण के अनुसार चलें। नवीनतम NCERT संस्करण के अनुसार विकल्प 4 सही उत्तर है। फिर विकल्प 2 का उत्तर देने वालों को पूरे अंक नहीं दिए जा सकते। मुझे लगता है कि उनकी बात सही हो सकती है।

सरकार का जवाब

कोर्ट में एनटीए व सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि 4,20,774 उम्मीदवारों ने विकल्प 2 (पुराने NCERT संस्करण का उत्तर) और 9,28,379 उम्मीदवारों ने विकल्प 4 का प्रयास किया। SG ने कहा कि NTA ने छात्रों से कई अभ्यावेदन प्राप्त करने के बाद विकल्प 2 के लिए अंक देने का निर्णय लिया, जिन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए अपने भाई-बहनों की पुरानी पाठ्य पुस्तकों का उपयोग किया था। पीठ ने 4.20 लाख से अधिक उम्मीदवारों को दिए गए अंकों को वापस लेने पर भी चिंता व्यक्त की।

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