‘री-टेस्ट आखिरी विकल्प है', पेपर लीक पर कोर्ट का रुख सख्त, मांगी जांच की विस्तृत रिपोर्ट, अब सुनवाई इस दिन
NEET-UG 2024: कोर्ट ने याचिकाकर्ता के सभी वकीलों को यह आदेश दिया है कि, वह अपनी दलीलें पेशकरें कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए? साथ ही, केंद्र सरकार ने तारीखों की पूरी सूची देना का आदेश दिया।
NEET-UG 2024: देश भर और कई लाखों मेडिकल कॉलेज छात्रों की निगाहें सोमवार को देश की शीर्ष अदालत पर टिकी रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के पहले परीक्षा परिणामों और फिर इसमें पेपर लीक मामले में डाली गईं कई याचिकाओं पर सुनवाई की। हालांकि कोर्ट ने अभी इस मामले पर अपना अंतिम निर्णय नहीं सुनाया है। याचिकाकर्ताओं और सरकार-एनटीए की ओर से पेश हुए दोनों वकीलों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई, 2024 तक की है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के सभी वकीलों को यह आदेश दिया है कि, वह अपनी दलीलें पेश करें कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए? साथ ही, केंद्र सरकार ने तारीखों की पूरी सूची देना का आदेश दिया। नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है, तो ऐसे में जांच एजेंसी कोर्ट में अपना स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती। कोर्ट इस मामले को अब 11 जुलाई को सुनेगा।
कुल 38 याचिकाओं पर कोर्ट कर रहा सुनवाई
नीट विवाद पर देश भर से कुल 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डाली गईं,जिसमें 37 याचिकाओं में नीट पेपर रद्द कर दोबारा कराने की मांग की गई, जबकि दो याचिकाओं में नीट पेपर रद्द की नहीं करन की मांग की गई। ये सभी 37 याचिकाएं चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के बेंच के समक्ष लगी, जिसमें जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि पेपर लीक तो हुआ है, हम इसको इनकार नहीं कर सकते। हम पेपर लीक की प्रकृति पर विचार रहे हैं। पेपर लीक पर विवाद नहीं किया जा सकता। हम इसके परिणामों पर भी विचार कर रहे हैं। कोर्ट ने लिहाज सख्त करते हुए आगे कहा कि हम एक आदर्श दुनिया में नहीं रहते हैं, लेकिन दोबारा परीक्षा पर निर्णय लेने से पहले हमें हर पहलू पर गौर करना होगा। हम जानते हैं कि हम 23 लाख छात्रों के भविष्य की बात कर रहे हैं। हालांकि कोर्ट दलीलें सुनने के बाद इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई लगाई है।
कोर्ट ने एनटीए और सरकार से पूछा यह सवाल, इस याचिका पर भी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी से किन-किन छात्रों को फायदा पहुंचा? यह जानने के लिए क्या कार्रवाई की? कोर्ट से सरकार से ये भी पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए। कोर्ट ने पूछा कि ये छात्र कहां हैं? भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? कोर्ट ने कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए। मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए। सरकार से कोर्ट ने भी पूछा कि हमारी साइबर फोरेंसिंक टीम के पास किस तरह की टेकनोलॉजी है। क्या हम सभी संदिग्धों का एक डेटा तैयार नहीं कर सकते है, जिससे जो इस परीक्षा में हुआ है,उससे आगे होने से रोका जाए। क्या हम इसके लिए कोई कदम उठा सकते हैं? इस दौरान कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा रद्द करने से रोकने के अनुरोध वाली गुजरात के 50 से अधिक नीट परीक्षा में सफल हुए परीक्षार्थियों की ओर से डाली गई याचिका पर भी सुनवाई की।
परीक्षा की पवित्रता खत्म होती है तो होगी दोबारा परीक्षा
सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि हम पूरी प्रक्रिया जानना चाहते हैं। दूसरी मामले में दर्ज एफआईआर की प्रकृति और पेपर लीक कैसे फैला ये जानना चाहते हैं। सीजीआई ने कड़े लहजे में केंद्र सरकार से पूछा कि वह बताए कि केंद्र और एनटीए ने गलत वालों की पहचान करने के लिए अभी तक क्या क्या कदम उठाए हैं? कोर्ट ने जिस किसी ने भी परीक्षा का नियमों को उल्लंघन किया है, उस वहां रनहे का कोई अधिकारी नहीं ह। सरकार कोर्ट को यह बताए कि इस संदर्भ में उसने क्या किया है, कोर्ट जानना चाहता है। कोर्ट ने कहा कि यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो फिर से परीक्षा कराने का आदेश देना होगा।
कोर्ट ने कहा कि अगर पेपर लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो ऐसे फैला होगा जैसे जंगल में लगी आग फैलती है। यानी बड़े स्तर पर लीक हुआ होगा।
जानिए क्या है मामला?
बता दें कि देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए ने जो परीक्षा आयोजित करवाई थी, उसमें रिजल्ट में कथित धांधली और पेपर लीक के आरोप लगे थे। इसको देकर देश भर अभ्यर्थियों ने सरकार और एनटीए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। बीते 13 जून को केंद्र और एनटीए ने अदालत को उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) रद्द कर दिए हैं। उन्हें दोबारा परीक्षा या प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था।
15,63 अभ्यर्थियों के लिए बीते 23 जून को नीट यूजी की दोबारा परीक्षा आयोजित करवाई गई। इसके परिणाम जारी होने के बाद 1 जुलाई को एनटीए ने संशोधित रैंक सूची जारी की। इस परीक्षा में कथित गड़बड़ी के आरोप तब लगे, जब बीते 5 मई को नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ। इसमें 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए, जिसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं का संदेह शुरू हुआ। मामला तूल पकड़ा तो जांच शुरू हुई। पहले जहां नीट यूजी के रिजल्ट में धांधली के आरोप लग रहे थे, बाद में इसमें पेपर लीक का मामला भी सामने आ गया। फिलहाल, NEET UG 2024 के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई द्वारा जारी है। इसमें संलिप्त लोगों की कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं।