भारतीय अधिकारी की लिखी इस चिट्ठी की नेपाल में हो रही खूब चर्चा, मीडिया में छाई

भारतीय अधिकारी के नेपाल सरकार को लिखे पत्र के बाद से वहां पर एक नई चर्चा शुरू हो गई है। नेपाल अपने नये नक्शे में जिस गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा को दिखा रहा है उसी से जुड़ा ये मामला है।

Update:2020-07-28 11:09 IST

नई दिल्ली: भारतीय अधिकारी के नेपाल सरकार को लिखे पत्र के बाद से वहां पर एक नई चर्चा शुरू हो गई है। नेपाल अपने नये नक्शे में जिस गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा को दिखा रहा है उसी से जुड़ा ये मामला है।

भारत की तरफ से नेपाल से कहा गया है कि कुछ समूह अवैध तरीके से सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं और मीडिया का ध्यान खींचने के लिए गुंज, कालापानी और लिम्पियाधुरा में घुस रहे हैं।

इससे दोनों देशों के प्रशासन को परेशानी हो रही है इसलिए आपसे अनुरोध है कि अगर आपको इस तरह की कोई भी जानकारी मिले तो हमें तुरंत सूचना दें। हालांकि नेपाल की तरफ से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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नेपाल मीडिया में छाया ये मुद्दा

इस पत्र के सामने आने के बाद से नेपाल में बहस शुरू हो गई है। नेपाल के इन तीनों इलाकों में दावे को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। इसको लेकर वहां की मीडिया ने कवरपेज स्टोरी भी पब्लिश की है।

नेपाली मीडिया में इसे लेकर खूब चर्चा हो रही है। नेपाल के प्रमुख अखबार नया पत्रिका ने अपने पहले पृष्ठ पर इस पर कवर स्टोरी छापी है। इसका शीर्षक दिया गया है- 'भारत का आपत्तिजनक पत्र: नेपाली कालापानी और लिम्पियाधुरा में चोरी-छिपे घुस रहे।

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नेपाल भारत के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा पर अपना दावा पेश करता है। नेपाली अखबार में भी इसे दोहराते हुए लिखा गया है, कालापानी 58 सालों से भारत के पास है और नेपालियों की एंट्री संभव नहीं है। हालांकि, भारत कह रहा है कि नेपाली चोरी-छिपे इन इलाकों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि भारत ने 8 मई को लिपुलेख से गुजरने वाले कैलाश मानसरोवर रोडलिंक का उद्घाटन किया तो नेपाल ने ऐतराज जताया था। जिसके बाद से भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को लेकर टेंशन बढती ही जा रही है।

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नेपाल ने सीमा विवाद पर भारत से बात करने से किया था इनकार

भारत ने कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद सीमा विवाद पर वार्ता करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन नेपाल ने इसके बाद कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल करते हुए नया नक्शा जारी कर दिया था।

नेपाल के एक अधिकारी शरद कुमार पोखरेल ने नया पत्रिका से कहा, इसमें कोई शक नहीं है कि भारत ने जिन इलाकों का जिक्र किया है, वे नेपाल की जमीन है। लेकिन नेपाल का नया नक्शा जारी होने के बाद से हमारा ये मानना है कि नेपाली अपनी धरती पर आजादी से घूम सकते हैं और उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। नेपाली नागरिक नेपाल की जमीन पर घूमने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है।

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