सरकार का बड़ा ऐलान, पराक्रम दिवस के रूप में मनाएगी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

नेता जी की जयंती को मनाने को लेकर सरकार के इस फैसले से नेता जी के परिजन भी खुश हैं। भाजपा नेता और नेताजी एससी बोस के पोते सीके बोस ने कहा कि नेताजी भारत के मुक्तिदाता थे। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं लेकिन लोग 23 जनवरी को 'देशप्रेम दिवस' के रूप में मनाते रहे हैं।

Update:2021-01-19 13:00 IST
सरकार का बड़ा ऐलान, पराक्रम दिवस के रूप में मनाएगी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सियासी मुद्दे गरम हैं, भारतीय जनता पार्टी बंगाल में सरकार बनाने का इस बार कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। इस बीच केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाएगी। इस संबंध में संस्कृति मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी है। वहीं मंगलवार को दोपहर 3 बजे केंद्रीय राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, प्रह्लाद सिंह पटेल इस बाबत एक प्रेस वार्ता कर विस्तृत जानकारी देंगे।

नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का 125वां साल

बता दें इस साल 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती का 125वां साल होगा। सरकार की योजना है कि इस बार नेता जी की जयंती पूरे धूम धाम से मनाया जाए। संस्कृति मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

सरकार के फैसले पर नेता जी के परिजन भी खुश

नेता जी की जयंती को मनाने को लेकर सरकार के इस फैसले से नेता जी के परिजन भी खुश हैं। भाजपा नेता और नेताजी एससी बोस के पोते सीके बोस ने कहा कि नेताजी भारत के मुक्तिदाता थे। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं लेकिन लोग 23 जनवरी को 'देशप्रेम दिवस' के रूप में मनाते रहे हैं। यह अधिक उचित होता कि सरकार इसे देशप्रेम दिवस के रूप में घोषित किया होता, लेकिन हम घोषणा से खुश हैं।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन

केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक यह समिति 23 जनवरी से एक वर्ष तक 125वीं जयंती के वर्ष में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों व समारोहों की रूपरेखा तय करेगी। भारत के स्वाधीनता संग्राम में बोस की भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर उनकी जयंती मनाने का फैसला किया है।

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