New Congress President: राजस्थान प्रकरण के बाद दिग्विजय भी बने दावेदार, नामांकन को लेकर दिया बड़ा संकेत

New Congress President:गांधी परिवार के आशीर्वाद के कारण ही गहलोत की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी मगर अब गांधी परिवार ही गहलोत के पक्ष में नहीं दिख रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-09-27 05:07 GMT

Digvijay Singh (photo: social media ) 

New Congress President: राजस्थान प्रकरण से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दावेदारी कमजोर पड़ने से अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अध्यक्ष पद की दावेदारी करने में जुट गए हैं। दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने का संकेत दिया है। वे पहले भी मीडिया से बातचीत के दौरान कह चुके हैं कि आप मेरा नाम क्यों खारिज कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह का कहना है कि कांग्रेस में उनके तमाम दोस्त हैं और इन दोस्तों का दबाव है कि मैं अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करूं। उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। इसलिए आखिरी तारीख तक इंतजार करना उचित होगा।

दिग्विजय सिंह का नाम भी चर्चा में आया

दिग्विजय सिंह का यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल राजस्थान में पैदा हुए सियासी संकट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दावेदारी कमजोर पड़ गई है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी अब पूरी तरह उनके खिलाफ हो गए हैं। राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी काफी नाराज बताए जा रहे हैं।

गांधी परिवार के आशीर्वाद के कारण ही गहलोत की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी मगर अब गांधी परिवार ही गहलोत के पक्ष में नहीं दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह और केसी वेणुगोपाल का नाम चर्चाओं में आ गया है।

दोस्तों की ओर से नामांकन का दबाव

कांग्रेस में बदले हुए माहौल के कारण अब दिग्विजय सिंह भी चुनाव लड़ने के इच्छुक दिख रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने लंबे समय से कांग्रेस की सेवा की है और कांग्रेस में उनके तमाम दोस्त हैं। इन दोस्तों की ओर से मुझे पर पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का दबाव डाला जा रहा है। हालांकि उन्होंने खुलकर यह बात नहीं कही कि वे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे मगर इतना जरूर कहा कि 30 सितंबर तक इंतजार कीजिए।

सियासी जानकारों का मानना है कि दिग्विजय सिंह गांधी परिवार के रुख का इंतजार कर रहे हैं।। यदि गांधी परिवार की ओर से ग्रीन सिग्नल मिला तो दिग्विजय अध्यक्ष पद के चुनावी अखाड़े में कूदने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहे हैं। सियासी जानकार भी दिग्विजय की दावेदारी को कमजोर नहीं मान रहे हैं।

पहले भी दिया था चुनाव लड़ने का संकेत

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान कहा था कि आप मेरे नाम को क्यों खारिज कर रहे हैं। उस समय भी दिग्विजय ने 30 सितंबर तक इंतजार करने की बात कही थी। उनका यह भी कहना था कि इस बार कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है। कांग्रेस का जो भी नेता अध्यक्ष पद के चुनाव में मैदान में उतरना चाहता है तो उसे इस बात का पूरी तरह हक है।

दिग्विजय ने कहा था कि अध्यक्ष बनने की स्थिति में गहलोत को राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा क्योंकि उदयपुर चिंतन शिविर में एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत को अपनाने का फैसला किया गया था। बाद में केरल में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने भी इस बात की पुष्टि की थी।

गांधी परिवार के वफादार रहे हैं दिग्विजय

कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जाने हैं। एक से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति में है 17 अक्टूबर को वोटिंग कराई जाएगी और 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर पहले ही चुनाव मैदान में उतरने का संकेत दे चुके हैं। थरूर ने सोमवार को केरल में राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था।

कांग्रेस में इन दिनों अध्यक्ष पद को लेकर सियासी गतिविधियां काफी तेज हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार का रुख देखने के बाद दिग्विजय भी अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने का फैसला ले सकते हैं। दिग्विजय भी गांधी परिवार के वफादार रहे हैं। इसलिए उन्हें आशीर्वाद मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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