विदेश मंत्री जयशंकर की रूस रवानगी, चीन से तनाव के बीच दौरा खास, जानें वजह

इन मामलों की जानकारी रखने वालों की माने तो इस दौरान मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।

Update: 2020-09-08 05:23 GMT
इन मामलों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की माने तो इस दौरान मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव लगातार जारी है। अभी राजनाथ सिंह ने मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात भी की। इस पूरी मुलाकात के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन पर हावी ही रहे। और चीन को एक कड़ा संदेश देकर आए। अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज यानी मंगलवार को चार दिवसीय रूस यात्रा के लिए रवाना होंगे। इस दौरान जयशंकर मॉस्को में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। ऐसे में एक बार फिर चीन से सामना और बातचीत होना संभव है।

जयशंकर ने कहा दोनों पक्षों के बीच बहुत गहन विचार-विमर्श की जरूरत

इन मामलों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की माने तो इस दौरान मॉस्को में विदेश मंत्री जयशंकर अपने समकक्ष चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। जिसमें सीमा विवाद का मुद्दा उठना लाज़िमी है। दरअसल विदेश मंत्री जयशंकर मॉस्को में आयोजित आठ सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने जा रहे हैं।

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जयशंकर आज रवाना होंगे रूस (फाइल फोटो)

इसमें चीन और भारत दोनों ही सदस्य हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मॉस्को में संभावित वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर बनी स्थिति को पड़ोसी देश के साथ समग्र रिश्तों की स्थिति से अलग करके नहीं देखा जा सकता। विदेश मंत्री ने पूर्वी लद्दाख के हालात को ‘बहुत गंभीर’ करार दिया और कहा कि ऐसे हालात में दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक स्तर पर ‘बहुत बहुत गहन विचार-विमर्श’ की जरूरत है।

राजनाथ ने कहा भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा

जयशंकर आज रवाना होंगे रूस (फाइल फोटो)

गौरतलब है कि अभी राजनाथ सिंह ने मॉस्को में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेते हुए चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के साथ करीब दो घंटे तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर बैठक की थी। दो घंटे चली इस वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा और वह किसी भी कीमत पर अपनी अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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अपने आधिकारिक बयान में भारतीय रक्षा मंत्री ने चीनी रक्षा मंत्री को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि चीन को सख्ती से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति को बदलने के लिए कोई भी एकतरफा कोशिश नहीं करनी चाहिए।

17 जून को फोन पर हुई थी वार्ता

जयशंकर आज रवाना होंगे रूस (फाइल फोटो)

अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले 17 जून को जयशंकर ने वांग यी से फोन पर बात की थी और इस दौरान पूरे मामले को जिम्मेदार तरीके से संभालने पर सहमति बनी थी।

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जयशंकर और वांग के बीच हुई बातचीत दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवां घाटी में हुई झड़प के दो दिन बाद हुई थी जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प से तनाव कई गुना बढ़ गया। इस झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन अब तक चीन की ओर से जानकारी नहीं दी गई है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इस झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

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