चीन का नुकसान:भारत में शुरू हुआ ये अभियान, लगेगा बड़ा झटका

कैट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि भारत में चीन की बढ़ती उपस्थिति तथा चीन के सामनों के बढ़ते आयात पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है।

Update: 2020-08-09 19:47 GMT
Boycott China

नई दिल्ली: सीमा पर चीन के साथ तनाव भले ही कम हो गया हो लेकिन देश के अंदर अभी भी लोगों में चीन को लेकर काफी गुस्सा और तनाव भारा हुआ है। जिसके चलते लोग चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं। इसी क्रम में खुदरा कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स यानी कि कैट ने भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के मौके पर आज रविवार को ‘चीन भारत छोड़ो’ नाम के एक अभियान की शुरुआत की।

CAIT का 'चीन भारत छोड़ो' अभियान

कैट का यह अभियान चीन में बनी वस्तुओं बहिष्कार करने पर केंद्रित है। इस अभिमान के तहत कैट के सदस्य कारेाबारियों ने इस मौके पर देश भर में 600 स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किया। कैट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि भारत में चीन की बढ़ती उपस्थिति तथा चीन के सामनों के बढ़ते आयात पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। कैट की ओर से कहा गया कि CAIT ने देश भर में 10 जून से किए गए ‘भारतीय सामान, हमारा अभिमान’ मुहिम में एक नया आयाम जोड़ते हुए ‘चीन भारत छोड़ो’ का आह्वान किया है।

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Boycott China

इसके उपलक्ष्य में उसने देश के विभिन्न राज्यों में 600 स्थानों पर धरना आयोजित किया। संगठन ने विभिन्न भारतीय कंपनियों, स्टार्टअप और डिजिटल ऐप में चीन के निवेश पर चिंता जताते हुए कहा कि इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। उसने कहा कि सरकारी परियोजनाओं और विभिन्न संवेदनशील निर्माण कार्यों में चीन के निवेश को सरकारी जांच के दायरे में लाया जाना चाहिये।

BCCI से की IPL प्रायोजक से VIVO को हटाने की मांग

Vivo IPL

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कैट की ओर से भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ के मौके पर कहा गया कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में देष भर के लोग ब्रिटिश राज के खिलाफ एक साथ हो गये थे। अब समय है कि चीन के खिलाफ लोग एकजुट हों। वहीं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने भारत छोड़ो अभियान का एजेंडा जारी करते हुए केंद्र सरकार से चीन और उसकी भारत में सारी गतिविधियों को चारों ओर से घेरने का अनुरोध किया।

Boycott China

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साथ ही कैट की ओर से महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से भी अपील की कि BCCI इंडियन प्रीमियम लीग के प्रायोजक से चीन की कंपनी वीवो को हटा दे। उन्होंने कहा कि यदि बीसीसीआई किसी भारतीय कंपनी को प्रायोजक बनाता है तो उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है। लेकिन चन की कंपनी को प्रायोजक नहीं बनाया जाना चाहिए।

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