जानलेवा कोरोना: सात दिनों में सबसे ज्यादा मौतें भारत में, अमेरिका-ब्राजील पीछे छूटे

WHO के मुताबिक 6 से 12 सितंबर के बीच भारत में कोरोना से 7911 लोगों की मौत हुई। दूसरी ओर अमेरिका और ब्राजील में मरने वालों की संख्या इससे कम रही।

Update:2020-09-14 11:06 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण के नए मामलों के साथ ही रोजाना होने वाली मौतों के मामले में भी भारत दुनिया में सबसे आगे निकलता दिख रहा है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों की बेहतर दर के बावजूद पिछले 7 दिनों के दौरान सबसे ज्यादा मौतें भारत में हुई हैं। विश्व स्वास्थ संगठन के मुताबिक 6 से 12 सितंबर के बीच भारत में कोरोना से 7911 लोगों की मौत हुई। दूसरी ओर अमेरिका और ब्राजील में मरने वालों की संख्या इससे कम रही। अमेरिका में इस दौरान 5100 लोगों की मौत हुई। जबकि ब्राजील में पिछले सात दिनों में 4908 लोगों ने दम तोड़ा। चौथे नंबर पर इक्वाडोर रहा जहां 4075 और पांचवे नंबर पर मैक्सिको रहा जहां 3320 लोगों ने कोरोना वायरस से दम तोड़ा।

संक्रमण के मामले में भी भारत सबसे आगे

मौतों के साथ ही संक्रमण के मामले में भी भारत दुनिया के अन्य देशों से काफी आगे निकल चुका है। रविवार को दुनिया भर में 2.82 लाख नए संक्रमित मरीज मिले थे। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि इनमें से करीब एक तिहाई यानी 94000 से अधिक मरीज अकेले भारत में थे। पिछले 7 दिनों के दौरान भारत में 6,36,805 नए संक्रमित मरीज मिले हैं जबकि अमेरिका में 2,46,302 और ब्राजील में 1,96,808 मरीज मिले हैं।

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कोरोना से सर्वाधिक मौतें भारत में (फाइल फोटो)

मरीजों के आंकड़े से समझा जा सकता है कि संक्रमण के मामले में भारत अमेरिका और ब्राजील से कितना आगे निकल चुका है। ‌पिछले 24 घंटे के दौरान हुई मौतों की बात की जाए तो रविवार को दुनिया भर में 4983 मरीजों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ा है। इनमें से सर्वाधिक 1114 मौतें भारत में हुई हैं। ब्राजील 800 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर और अमेरिका 698 मौतों के साथ तीसरे नंबर पर रहा। भारत में सितंबर के दौरान एक भी दिन 1000 से कम मौतें नहीं हुई हैं।

अस्पतालों पर देना होगा ध्यान

कोरोना से सर्वाधिक मौतें भारत में (फाइल फोटो)

दिल्ली एम्स के सामुदायिक मेडिसिन विभाग के डॉक्टर संजय राय का कहना है कि मृत्यु दर घटाने के लिए अस्पतालों पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि मौत के बढ़ते आंकड़े कमजोर स्वास्थ्य सेवाओं की ओर इशारा करते हैं।

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उन्होंने कहा कि अनलॉक बढ़ने के साथ ही सरकारों का ध्यान अब दूसरे मुद्दों पर केंद्रित हो गया है जबकि अभी अस्पतालों की प्रतिदिन निगरानी की जानी चाहिए। सरकारों के साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी सक्रिय होना चाहिए।

मरीजों की संख्या 47 लाख पर

कोरोना से सर्वाधिक मौतें भारत में (फाइल फोटो)

देश में रविवार को कोरोना के 94,372 नए मामलों के साथ ही कुल मामलों की संख्या 47 लाख के ऊपर पहुंच गई है। अब तक 37,02,595 मरीज कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले मरीजों में 58 फ़ीसदी मरीज पांच राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के हैं।

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डाटा विशेषज्ञ जेम्स विल्सन का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों को हर दिन की जांच, संक्रमण में बढ़ोतरी और मौतों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 7 दिनों के दौरान संक्रमण और मौतों की संख्या में बढ़ोतरी वाकई चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि अगले 15 दिन काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। विल्सन के मुताबिक सितंबर के आखिर तक संक्रमण में सबसे तेज बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

स्वस्थ होने पर भी सतर्कता जरूरी

कोरोना से सर्वाधिक मौतें भारत में (फाइल फोटो)

इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पूर्ण स्वस्थ होने वाले लोगों की भी लंबे समय तक देखभाल करना जरूरी है। इसका कारण यह है कि स्वस्थ होने वाले मरीजों में अवसाद, चिंता, सांस की तकलीफ, कमजोरी, थकान और पैरों व सिर में दर्द जैसी परेशानियां दिख रही हैं।

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मंत्रालय ने स्वस्थ होकर घर जाने के 7 दिन बाद भी जांच कराने की सलाह दी है। इसके साथ ही नियमित मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना और पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है।

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