संसद हंगामाः अब होगी इन सांसदों पर कार्रवाई, नायडू करेंगे अंतिम फैसला

अब हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सरकार की ओर से भी इस मामले में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया गया है।

Update: 2020-09-21 03:48 GMT
अब हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सरकार की ओर से भी इस मामले में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया गया है। इस मामले में रविवार की रात उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू के घर चली बैठक में गई कार्रवाई के संकेत मिले। माना जा रहा है कि नायडू इस बाबत सोमवार को फैसला करेंगे।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: राज्यसभा में रविवार को भारी हंगामे और शोर-शराबे के बीच कृषि सुधार से जुड़े दो विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। हालांकि इस दौरान विपक्ष की ओर से इतना जमकर हंगामा किया गया कि उच्च सदन की सारी मर्यादा तार-तार हो गई। अब हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सरकार की ओर से भी इस मामले में सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया गया है। इस मामले में रविवार की रात उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू के घर चली बैठक में गई कार्रवाई के संकेत मिले। माना जा रहा है कि नायडू इस बाबत सोमवार को फैसला करेंगे।

सदन की मर्यादा तार-तार

कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में रविवार को अभूतपूर्व हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद उपसभापति हरिवंश के आसन तक पहुंच गए और उन्होंने बिल की प्रतियां और रूल बुक फाड़ डाली। टेबल पर चढ़ने के साथ ही मार्शल के साथ भी धक्का-मुक्की की गई। टेबल पर चढ़कर सांसदों की ओर से नारेबाजी भी की गई और इस छीना झपटी के दौरान उपसभापति का माइक भी टूट गया।

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हंगामा करने वाले सांसदों पर होगी कार्रवाई (फाइल फोटो)

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा, आप सांसद संजय सिंह और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने सारी हदें पार करते हुए वेल में जाकर फुटनोट छीनने के साथ उपसभापति के खिलाफ नारेबाजी की और उनकी मेज पर रखे कागज फाड़ डाले। सदन में हंगामे के कारण उपसभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी और इसके बाद कृषि बिल को ध्वनिमत से पारित किया गया।

कोविड प्रोटोकॉल की उड़ीं धज्जियां

हंगामा करने वाले सांसदों पर होगी कार्रवाई (फाइल फोटो)

कोरोना संकट के कारण संसद की बैठक से पहले सरकार की ओर से गाइडलाइन तय की गई थी मगर रविवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल की भी धज्जियां उड़ाई गईं। राज्यसभा में सोशल डिस्टेंसिंग के मानक पूरी तरह टूट गए और वह सब कुछ हुआ जिससे बचने के लिए संसद में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद व्यापक इंतजाम किए गए थे।

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण बैठक से पहले सरकार की ओर से काफी तैयारियां की गई थीं मगर रविवार को विपक्ष के हंगामे के बाद इन तैयारियों का कोई मतलब नहीं रह गया।

सरकार ला सकती है प्रस्ताव

हंगामा करने वाले सांसदों पर होगी कार्रवाई (फाइल फोटो)

जानकार सूत्रों का कहना है कि अब कृषि बिल को लेकर हंगामा करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक इस संबंध में सरकार की ओर से प्रस्ताव भी लाया जा सकता है। राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विपक्ष के व्यवहार से काफी नाराज बताए जा रहे हैं और कार्रवाई का फैसला ले सकते हैं। नायडू ने उन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करने की संभावना जताई है जिन्होंने सदन में हंगामा किया और उपसभापति के खिलाफ नारे लगाए।

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सूत्रों के मुताबिक हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ सरकार भी सख्ती के मूड में दिख रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में छह मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष के हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और शर्मनाक बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो यहां तक कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में ऐसी शर्मनाक घटना नहीं देखी। उन्होंने कहा कि विपक्ष के आचरण से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंची है। उच्च सदन के सांसदों का व्यवहार तो और भी गरिमापूर्ण होना चाहिए।

नायडू के घर बैठक में कार्रवाई पर चर्चा

हंगामा करने वाले सांसदों पर होगी कार्रवाई (फाइल फोटो)

राज्यसभा में बिल पारित होने के बाद विपक्ष के हंगामे को लेकर वेंकैया नायडू के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक भी हुई। बैठक में हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गई। बैठक में उपसभापति हरिवंश, पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी जी मौजूद थे।

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सूत्रों के मुताबिक इस बाबत अंतिम फैसला सभापति वेंकैया नायडू ही लेंगे। जानकारों के मुताबिक राज्यसभा में हंगामे के वीडियो फुटेज की हर स्तर पर जांच की जाएगी ताकि यह पता चल सके कि उपसभापति के साथ पर क्या हुआ था और कौन-कौन इसमें शामिल थे।

विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

हंगामा करने वाले सांसदों पर होगी कार्रवाई (फाइल फोटो)

उधर उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इन दलों ने विधेयक पारित कराने के उपसभापति के तरीके पर आपत्ति जताई है। विपक्ष का कहना है कि उपसभापति ने विपक्ष की मांग अनसुनी करते हुए मनमाने तरीके से विधेयक को पारित करा दिया। ‌

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नोटिस देने वाले दलों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, भाकपा, एनसीपी, राजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस, द्रमुक, तेलंगाना राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।

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