Bed के पैटर्न में बड़ा बदलाव: अब ऐसे बने टीचर, इतने साल का होगा कोर्स
नई शिक्षा पॉलिसी 2020 में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई बड़े बदलाव हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों के अध्यापन को मजबूत बनाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
लखनऊः नई शिक्षा पॉलिसी 2020 में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई बड़े बदलाव हुए हैं। ऐसे में शिक्षकों के अध्यापन को मजबूत बनाने की भी व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा नीति में कहा गया है कि आगामी सालों में शिक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को और सशक्त बनाया जाएगा। इसके लिए बीएड में बड़े बदलाव होने हैं।
शिक्षक के लिए न्यूनतम डिग्री बीएड तय
नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षण के लिए जल्द ही राष्ट्रीय स्तर का मानक तैयार होगा। प्रत्येक शिक्षक के लिए अगले दो सालो में न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी। वहीं शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का आधार एक से चार साल होगा। इसके लिए एमए के बाद एक साल, वहीं इंटरमीडिएट के बाद चार साल की शैक्षिक योग्यता तय होगी।
टीचर्स के लिए एक समान मानक कहलाएगा NPST
बता दें कि नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (NCTE) को साल 2022 तक टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। शिक्षण के लिए तय ये मानक नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स (NPST) कहलाएगा। वहीं काउंसिल मानकों के निर्धारण का कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी।
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बीएड की अवधि होगी चार साल
सरकार ने निर्देश दिए हैं कि साल 2030 तक सभी कालेजों और यूनिवर्सिटीज में टीचर्स/ प्रोफेसर्स के पठन पाठन के कोर्स को संस्थानों के अनुरूप अपग्रेड करना होगा। सरकार ने कहा कि शिक्षकों के लिए न्यूनतम डिग्री बीएड होगी, इसकी अवधि चार साल हो जाएगी।
4 साल किसी खास सब्जेक्ट की करनी होगी पढ़ाई
दरअसल बीएड के लिए नई व्यवस्था के तहत बीएड प्रोग्राम की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिलेगी, जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो। वहीं जो छात्र चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त कर चुके होंगे, उन्हें बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी। हालाँकि इसके जरिये छात्र किसी विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे।
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एमए के बाद एक साल की बीएड डिग्री
शिक्षा पॉलिसी में कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए। इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा। इसके अलावा टीचिंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा।
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