NIA Investigation: भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों के उपद्रव करने की घटना की जांच अब एनआईए करेगी

NIA Investigation: दूतावास के बाहर प्रदर्शन और तिरंगे का अपमान करने वालों के खिलाफ जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। अभी तक इस मामले की तहकीकात दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही थी।

Update: 2023-04-18 08:39 GMT
NIA Investigation (photo: social media )

NIA Investigation: लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा किए गए उपद्रव को भारत सरकार काफी गंभीरता से ले रही है। भारत ने इस मसले पर ब्रिटेन से सख्त ऐतराज जताया था। दूतावास के बाहर प्रदर्शन और तिरंगे का अपमान करने वालों के खिलाफ जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। अभी तक इस मामले की तहकीकात दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही थी।

दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 24 मार्च को भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने वाले खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ यूएपीए और पीडीपीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि विदेश मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए खत लिखा था। जानकारी के अनुसार, खत में विदेश मंत्रालय ने लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर हुए प्रदर्शन में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की थी।

अब मामले की जांच एनआईए करेगी

मामले का टेरर लिंक सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने एनआईए से जांच करवाने का निर्णय लिया है। खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक सीनियर अधिकारी ने जांच एनआईए को ट्रांसफर करने की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, एनआईए के रडार पर ऐसे लोग हैं, जो भारत के नागरिक होने के साथ बाहर रह रहे हैं और वहां देश-विरोधी कार्यों में लिप्त हैं।

देश की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाले कार्यक्रमों और प्रदर्शनों का हिस्सा बन रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां वीडियो के जरिए उन उपद्रवी खालिस्तानियों की पहचान करने में जुटी हैं, जो 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, खालिस्तान समर्थक और सिख कट्टरपंथी संगठन वारिस पंजब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस ने बीते माह मार्च में बड़ी कार्रवाई की थी। हालांकि, इस दौरान पुलिस की गिरफ्त में आने से अमृतपाल बच गया और फरार हो गया। उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है, अब तक पुलिस उसकी तलाश नहीं कर पाई है। लेकिन उसके समर्थकों और करीबियों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। उसके कई करीबियों को गिरफ्तार कर असम की जेल में भेज दिया गया है।

अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई पर दुनियाभर में मौजूद खालिस्तान समर्थक भड़क गए। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर खालिस्तानियों ने यूके, यूएस, कनाडा और अन्य देशों में भारतीय उच्चायोग के सामने जमकर बवाल काटा। इसी कड़ी में 19 मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्होंने उच्चायोग की इमारत में लगे तिरंगे झंडे को जबरन खींचकर उतारने की कोशिश की थी।

तिरंगे के इस अपमान को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। भारत ने तब ब्रिटिश राजनयिक को तलब भी किया था। नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर सुरक्षा भी घटा दी गई थी। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के बीच फोन पर हुई वार्ता के दौरान भी यह मुद्दा उठा था। पीएम मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष से यूके में घूम रहे भारत विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

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