NIA Raid in Delhi: दिल्ली-एनसीआर में एनआईए की बड़ी कार्रवाई, बल्लीमारान समेत कई जगहों पर मारा छापा

NIA Raid in Delhi: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज यानी बुधवार 11 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई की है। पुरानी दिल्ली के थाना हौज काजी इलाके के बल्लीमारन में एनआईए का सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-10-11 08:32 IST

NIA Raid in Delhi (photo: social media )

NIA Raid in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दिनें खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के तीन आतंकी पकड़े जाने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां हरकत में है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज यानी बुधवार 11 अक्टूबर को बड़ी कार्रवाई की है। पुरानी दिल्ली के थाना हौज काजी इलाके के बल्लीमारन में एनआईए का सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कई अन्य जगहों पर भी छापेमारी चल रही है। एनआईए या दिल्ली पुलिस की ओर से फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सुबह-सुबह केंद्रीय जांच एजेंसी की विभिन्न टीम एक साथ इन ठिकानों पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की।

अन्य राज्यों में भी चल रहा ऑपरेशन

एनआईए की छापेमारी दिल्ली-एनसीआर के अलावा महाराष्ट्र, यूपी और राजस्थान में भी चल रही है। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ये छापेमारी प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को लेकर की गई है। इस संगठन को बैन किए साल भर हो चुके हैं, इसके बावजूद इसके कई सदस्य अंडरग्राउंड होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। पिछले एक साल में उत्तर से लेकर दक्षिण तक के कई राज्यों में दर्जनों ठिकानों पर एनआईए की रेड हो चुकी है और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं।

अगस्त में केरल में पड़ा था छापा

अगस्त में एनआईए ने मलप्पुरम में PFI के पूर्व कार्यकर्ताओं पर छापा मारा था। यह जिला मुस्लिम आबादी बहुल है और इसे प्रतिबंधित इस्लामी संगठन का गढ़ माना जाता है। जिले के मंजेरी में ही पीएफआई का मुख्यालय ग्रीन वैली भी स्थित है, जिसे एनआईए ने पिछले दफे कार्रवाई के बाद सील कर दिया था। वहीं, बीते माह यानी 25 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने केरल में पीएफआई के चार जिलों में स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिन जिलों में रेड हुई, वो थे – वायनाज, त्रिशूर, मलप्पुरम और एर्नाकुलम।

पीएफआई पर लगा है पांच साल का बैन

सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसे पांच साल के बैन कर दिया था। केंद्र सरकार ने पीएफआई पर टेरर लिंक का आरोप लगाते हुए उसके 8 सहयोगी संगठनों को भी प्रतिबंधित कर दिया था। 

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