टलेगी निर्भया के दोषियों की फांसी! खबर आते ही मची हलचल, कोर्ट में..

बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो दिन पहले ही निर्भया मामले के सभी दोषियों को डेथ वारंट जारी किया था। डेथ वारंट के मुताबिक सभी दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी।

Update:2020-01-09 12:07 IST
निर्भया केस: अब नहीं बचेंगे दोषी, जारी हुआ नया डेथ वारंट

नई दिल्ली: निर्भया केस पर बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, गैंगरेप के चारों दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी है। इस याचिका के दायर ​होने के बाद अब निर्भया के दोषियों की फांसी पर थोड़ा संकट के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो दिन पहले ही निर्भया मामले के सभी दोषियों को डेथ वारंट जारी किया था। डेथ वारंट के मुताबिक सभी दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी थी।

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जानकारी के मुताबिक डेथ वारंट जारी होने के बाद 14 दिन के अंदर ही क्यूरेटिव याचिका दायर करने का अधिकार होता है। इसी को देखते हुए दोषी विनय कुमार शर्मा ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी है।

जानें क्या है क्यूरेटिव पिटीशन

गौरतलब है कि क्यूरेटिव पिटीशन, पुनर्विचार याचिका से थोड़ा अलग होती है। इस याचिका में फैसेल की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिह्नित किया जाता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इस पर एक बार फिर ध्यान देने की जरूरत है।

जेल प्रशासन चारों दोषियों को सौंपी डेथ वारंट की कॉपी

वहीं बुधवार को जेल प्रशासन की ओर से सभी दोषी पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को डेथ वारंट की कॉपी सौंप दी गई। बताया जा रहा है कि डेथ वारंट की कॉपी लेते हुए वो चारों काफी बेचैन थे और उनकी हालत काफी खराब थी।

कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकते हैं दोषी

जेल प्रशासन ने बताया कि डेथ वारंट की कॉपी मिलने के बाद चारों दोषी कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। अगर, डेथ वारंट पढ़ने या समझने में उनको कोई दिक्कत आती है तो जेल प्रशासन की ओर से मदद ले सकते हैं।

हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट हुए दोषी

जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पहले अक्षय, पवन और मुकेश जेल नंबर-2 में और विनय जेल नंबर-4 में बंद था। फिर बुधवार को चारों दोषियों को हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट कर दिया गया। चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल मैनुअल की ओर कार्य शुरु कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि, दोषियों को डेथ वारंट की कॉपी देने के बाद दोषियों के खानपान और मानसिक स्थिति पर निगाह रखी जा रही है। इसके लिए मनोचिकित्सक को लगाया गया है।

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इसके अलावा दोषियों की दिनचर्या से जेल अधीक्षक और उप अधीक्षक को थोड़ी-थोड़ी देर में अवगत कराया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, चारों आरोपियों ने डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही खाना-पीना बेहद कम कर दिया है।

ये हैं निर्भया के दोषी

नाम- राम सिंह (बस चालक), निवासी दिल्ली। जिसने 11 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में खुदकशी कर ली।

नाम- मुकेश कुमार (ड्राइवर कम हेल्पर) निवासी दिल्ली। राम सिंह (बस चालक) का भाई।

नाम- अक्षय कुमार सिंह (बस हेल्पर) मूल निवासी औरंगाबाद, वर्तमान निवासी दिल्ली, बिहार

नाम- पवन गुप्ता (फल विक्रेता) निवासी दिल्ली

नाम- विनय शर्मा (जिम में हेल्पर) निवासी दिल्ली

नाबालिग (बस क्लीनर) निवासी- बदायूं।

जो वारदात के वक्त 17 साल छह महीने 11 दिन का था। बाल न्यायालय ने 31 अगस्त 2013 को हत्या में 3 साल की सजा सुनाई। सजा पूरी करने के बाद दिसंबर, 2015 में रिहा हो गया।

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