सियाचिन में सैनिकों संग रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनाया दशहरा

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लद्दाख रेंज में सियाचिन का दौरा किया। उन्होंने सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया।

Update: 2017-09-30 20:30 GMT
सियाचिन में सैनिकों संग रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनाया दशहरा

श्रीनगर: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लद्दाख रेंज में सियाचिन का दौरा किया। उन्होंने सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया। बता दें कि सियाचिन 24 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा और मुश्किल बैटल फील्ड है। यहां से चीन और पाकिस्तान पर नजर रखी जाती है। रक्षा मंत्री शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंची थीं।



उन्होंने लेह से 120 किलोमीटर दूर 'प्रथम-श्योक' ब्रिज का इनॉगरेशन किया। इससे आर्मी को चीन से सटे दरबुक और दौलत बेग ओल्डी सेक्टर तक आवाजाही में मदद मिलेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर पुलों और सड़कों का निर्माण किसी चमत्कार से कम नहीं है।



निर्मला सीतारमण ने हेलिकॉप्टर के जरिए चीन और पाकिस्तान की बॉर्डर से सटे इलाकों और फॉरवर्ड पोस्ट की सिक्यिुरिटी का जायजा लिया। बता दें कि सियाचिन 24 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का सबसे ऊंचा और मुश्किल बैटल फील्ड है। यहां से चीन और पाकिस्तान पर नजर रखी जाती है।



रक्षा मंत्री शनिवार सुबह सियाचिन बेस कैंप पहुंचीं। यहां वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद जवानों से मुलाकात की। साथ ही आला अफसरों से सियाचिन के सिक्युरिटी हालात और जवानों की जरूरतों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने एलएसी पर सुरक्षा की समीक्षा करने के साथ ही जवानों को पेश आ रही दिक्कतों को भी जाना।



उन्होंने जवानों को आश्वस्त किया कि सरकार जवानों की चुनौतियों से भली भांति परिचित है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से जवानों के साथ है। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी थे।

रक्षा मंत्री बनने के बाद यह उनका पहला राज्य दौरा है। शुक्रवार को उन्होंने उत्तरी कश्मीर में अग्रिम इलाकों का दौरा करने और सैन्य कमांडरों के साथ सेना की तैयारियों का जायजा लेने के अलावा राज्यपाल एनएन वोहरा व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की थी।

रक्षा मंत्री ने कहा कि अलग-अलग तरह के मौसम वाले राज्यों से जवान यहां आते हैं और इतनी ऊंची और दुर्गम जगहों पर राष्ट्र की सेवा करते हैं. यह सराहनीय है। जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा पर आयीं रक्षा मंत्री ने कहा कि हम जवानों के साथ वक्त बिताने के लिए कटिबद्ध हैं और उनके लिए जो भी संभव होगा करेंगे। 2014 में सियाचिन में पीएम मोदी की दिवाली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार उन स्थितियों को जानना चाहती थी जिनमें जवान रहते हैं।

Tags:    

Similar News