मुंबईः साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी के दो बयान चर्चा में रहे थे। एक ये कि कालाधन लाकर हर एक के खाते में 15-15 लाख दिए जा सकते हैं। दूसरा अच्छे दिन आएंगे। पहले बयान को तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जुमला बता दिया था। अब केंद्र में मंत्री नितिन गडकरी ने भी 'अच्छे दिन' से पल्ला झाड़ लिया है। गडकरी का कहना है कि ऐसे दिन कभी नहीं आते।
क्या बोले गडकरी?
नितिन गडकरी से मुंबई में उद्योग जगत के एक प्रोग्राम में देश के हालात के बारे में पूछा गया था। सवाल ये था कि अच्छे दिन कब आएंगे? इस पर गडकरी ने कहा कि ऐसे दिन कभी नहीं आते। ये नारा हमारे गले में हड्डी की तरह फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि दरअसल, ये बात पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कही थी। प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में मनमोहन ने कहा था कि अच्छे दिन का इंतजार करना होगा। गडकरी के मुताबिक इसी के जवाब में मोदी ने कहा था कि हमारी सरकार आएगी तो इस तरह के दिन आएंगे।
देशवासियों को अतृप्त आत्मा बताया
गडकरी ने ये भी कहा कि बीजेपी ने सिर्फ अच्छे दिन शब्दों का इस्तेमाल किया और इसका मतलब सिर्फ ये है कि तरक्की हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने देश के लोगों को अतृप्त आत्माओं का महासागर बता दिया। गडकरी ने कहा कि जिसके पास साइकिल है उसे मोटरसाइकिल चाहिए। जब वह बाइक खरीद लेता है तो कार खरीदने की सोचता है। ऐसे में किसी को नहीं लगता कि अच्छे दिन आ गए हैं।