नई दिल्ली: जीएसटी को लेकर अरुण जेटली और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मंगलवार को दिल्ली में मुलाकात हुई। नीतीश कुमार ने जीएसटी पर समर्थन का वादा किया है। बैठक के बाद नीतीश कुमार ने खुद इसकी पुष्टि की।
क्यों अहम है नीतीश का समर्थन
जीएसटी को देश में लागू करने के लिए इसे संसद में पास कराना होगा। राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है। कांग्रेस ने कुछ शर्तों की वजह से इसमें रोड़ा अटका रखा है। राज्यसभा में इसे पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। बीजेपी कांग्रेस के अलावा दूसरी पार्टियों को भी मनाने में जुटी हुई है।
जीएसटी का गणित
राज्यसभा में 245 सदस्य हैं। बीजेपी-शिवसेना-अकाली दल सहित कुल 113 सांसद जीएसटी के पक्ष में खड़े हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के 68 सांसद हैं। लेफ्ट के 10, जेडीयू के 12 और बहुजन समाज पार्टी के 10 सांसद हैं। बीएसपी का रुख अब तक साफ नहीं है। सरकार को मुलायम सिंह और ममता बनर्जी का साथ मिल चुका है। कांग्रेस और लेफ्ट वैसे तो जीएसटी पर समर्थन देने को तैयार हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर।
जीएसटी के समर्थन वाले दल
बीजेपी- 48
समाजवादी पार्टी – 13
पीडीपी-2
शिवसेना-03
जेडीयू-12
टीएमसी – 12
बीजेडी-6
एनसीपी-6
शिरोमणि अकाली दल- 03
टीडीपी- 06
क्या है जीएसटी
-गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक नई तरह की टैक्स प्रणाली है। इसके लागू होने के बाद बाकी सभी टैक्स खत्म कर दिए जाएंगे। जैसे सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्जरी, एंटरटेंनमेंट, वैट जैसे सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे। पूरे देश में एक जैसा टैक्स लगेगा। अभी एक ही चीज की कीमत सभी राज्यों में अलग-अलग होती है, लेकिन जीएसटी के बाद सभी राज्यों में एक ही दाम पर वस्तुएं मिलेंगी।