Mission 2024: नीतीश कुमार फिर विपक्ष को गोलबंद करने में जुटे, चार दिनों का दिल्ली दौरा, राहुल और खड़गे से की मुलाकात

Mission 2024: नीतीश कुमार मंगलवार की शाम चार दिनों के दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं और उनका यह दौरा सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।

Update:2023-04-12 15:56 IST
नीतीश कुमार (photo: social media )

Mission 2024: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की मुहिम में फिर जुट गए हैं। नीतीश कुमार ने दूसरी बार नए सिरे से विपक्षी एकजुटता की कोशिशें शुरू कर दी हैं। नीतीश कुमार मंगलवार की शाम चार दिनों के दौरे पर दिल्ली पहुंचे हैं और उनका यह दौरा सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश कुमार की विपक्ष के कड़े बड़े नेताओं से मुलाकात होगी।

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से भी मुलाकात होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी नीतीश की मुलाकात हो सकती है। एनसीपी मुखिया शरद पवार से भी नीतीश का मिलने का कार्यक्रम है। हालांकि वीर सावरकर,अडानी प्रकरण की जेपीसी जांच और पीएम की डिग्री मामले पर शरद पवार ने हाल के दिनों में अलग रुख अपनाया था। ऐसे में यह देखने वाली बात हो गई कि नीतीश पवार को मनाने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

खड़गे से बातचीत के बाद पहुंचे दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने पिछले दिनों नीतीश कुमार से फोन पर बातचीत की थी। खड़गे ने नीतीश के अलावा कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से भी चर्चा की थी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बातचीत के दौरान खड़गे ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की एकजुटता पर बातचीत की थी। खड़गे से हुई इस बातचीत के बाद ही नीतीश कुमार चार दिनों के दिल्ली दौरे पर पहुंचे हैं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी इन दिनों दिल्ली में ही हैं। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मंगलवार को तेजस्वी से लंबी पूछताछ की गई थी। माना जा रहा है कि तेजस्वी भी नीतीश कुमार के साथ विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।

नीतीश का मौजूदा दौरा क्यों है महत्वपूर्ण

जानकारों के मुताबिक अपनी मौजूदा यात्रा के दौरान नीतीश कुमार कांग्रेस नेताओं के साथ विपक्ष को एक मंच पर लाने की चर्चा कर सकते हैं। अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान भी नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत की थी। हाल के दिनों में अडानी प्रकरण और राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दों को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी के साथ नीतीश की प्रस्तावित मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

शरद पवार से भी मुलाकात का कार्यक्रम

नीतीश कुमार लंबे समय से भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की वकालत करते रहे हैं। बिहार में एनडीए को छोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद से ही नीतीश इस दिशा में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा की थी।

हालांकि उनकी पिछली दिल्ली यात्रा का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका था मगर फिर भी उन्होंने नए सिरे से इस दिशा में प्रयास शुरू किया है। दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश और एनसीपी के मुखिया शरद पवार की मुलाकात पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। पवार हाल के दिनों में अपने बयानों से विपक्ष के नेताओं को भी हैरान करते रहे हैं।

पवार ने अपना रखा है अलग रुख

पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि अडानी मामले की जेपीसी जांच की मांग पर अड़े रहने का कोई तुक नहीं है। उनका कहना था कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की जहां से ज्यादा असरकारक होगी। वीर सावरकर के मुद्दे पर भी उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नसीहत दी थी।

अभी हाल में उन्होंने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का मामला कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है। ऐसे में पवार को लेकर सियासी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार पवार को मनाने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

केजरीवाल से भी हो सकती है मुलाकात

सूत्रों का कहना है कि राजधानी की यात्रा के दौरान नीतीश कुमार की दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात हो सकती है। आम आदमी पार्टी को हाल में ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है और इसके बाद केजरीवाल समेत पार्टी के अन्य नेताओं के हौसले बुलंद दिख रहे हैं। वैसे केजरीवाल अभी तक विपक्ष की एकजुटता से अलग राह पर चलते हुए दिख रहे हैं। वे पूर्व में भी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि जनता भाजपा और नरेंद्र मोदी का विकल्प खुद खोज लेगी।

उनके इस रुख से माना जाता रहा है कि वे विभिन्न राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरने का इरादा रखते हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद मंगलवार को आप कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान भी उन्होंने कहा था कि जनता ने हमें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और हमें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। ऐसे में केजरीवाल और नीतीश की मुलाकात का क्या निष्कर्ष निकलेगा, यह देखने वाली बात होगी।

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