60 के बाद नहीं सताएगा बुढ़ापा, यहां जमेगी बुजुर्गों की मंडली, सरकार ने कर ली तैयारी

केंद्र सरकार घरों में अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल के लिए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद लेने की योजना बना रही है। अकेले जीवन यापन कर रहे बुजुर्गों को दिन के समय मनोरंजन, अध्ययन और अन्य कार्यों के लिए समय व्यतीत करने के वास्‍ते डे केयर सेंटर शुरू करने की तैयारी है

Update: 2020-02-09 05:32 GMT

नई दिल्ली: बुजुर्गों के साथ लोग अब करेंगे वफा,

60 के बाद मौत ना आए तो भी

अब यहां लेंगे जिंदगी का मजा।' केंद्र सरकार घरों में अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल के लिए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद लेने की योजना बना रही है। अकेले जीवन यापन कर रहे बुजुर्गों को दिन के समय मनोरंजन, अध्ययन और अन्य कार्यों के लिए समय व्यतीत करने के वास्‍ते डे केयर सेंटर शुरू करने की तैयारी है। बुजुर्गो को सरकार अब अकेला नहीं छोड़ेगी, बल्कि उनकी जरूरतों व सुख- सुविधाओं का पूरा ख्याल रखेगी।

इसी कड़ी में सरकार ने घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गो के लिए देश भर में डे- केयर सेंटर खोलने की योजना बनाई है। जहां उन्हें नाश्ता, भोजन, समाचार पत्र, खेलकूद जैसी सारी सुविधाएं मिलेगी। इस सेंटरों में जहां उन्हें अपनी उम्र के लोगों का साथ मिलेगा, वहीं वह अपना दिन भर का समय एक खुशनुमा माहौल में बिता सकेंगे। फिलहाल मौजूदा समय में उन्हें दिन भर घरों में ही कैद होकर रहना होता है।

 

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एनजीओ से मदद

बुजुर्गो के प्रति सरकार की चिंतित है। उन बुजुर्गो को लेकर भी एक और नई योजना पर काम रही है, जो चलने-फिरने या फिर अपने खराब स्वास्थ्य के चलते प्रस्तावित डे-केयर सेंटरों तक भी नहीं आ सकते है। सरकार ने घरों में अकेले रहने वाले ऐसे बुजुर्गो के लिए एनजीओ के माध्यम से ख्याल रखने की योजना पर काम कर रही है। जिसकी जल्द ही घोषणा हो सकती है।

10.38 करोड़ बुजुर्ग

2011 की जनगणना के मुताबिक देश में बुजुर्गों की संख्या लगभग 10.38 करोड़ है। 2007 के एक कानून में बुजुर्गों की देखभाल का प्रावधान है। हालांकि सरकार, अकेले रह रहे बुजुर्गों की देखभाल के लिए एक नया कानून बनाने पर विचार कर रही है।इस कानून के तहत डे केयर सेंटर खोले जाएंगे। अकेले रहने वाले बुजुर्ग इनमें दिन के समय मनोरंजन और अध्ययन आदि गतिविधियों के माध्यम से अपना वक्त गुजार सकेंगे।

 

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नए कानून में यह सारे उपाय

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बुजुर्गो की देखरेख को लेकर प्रस्तावित नए कानून में यह सारे उपाय किए गए है। फिलहाल इससे जुड़ा विधेयक मौजूदा समय में ससंद में लंबित है। जिसके पारित होने के साथ ही इस पर काम शुरु हो जाएगा। योजना से जुड़ी सारी तैयारियां लगभग पूरी है।

माना जा रहा है कि संसद के बजट सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा। बुजुर्गो की देखरेख को लेकर सरकार का इसलिए भी जोर दे रही है, क्योंकि यही वह उम्र होती है, जब किसी को भी मदद की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। वैसे भी देश में बुजुर्गो की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में देश में 60 साल से ज्यादा आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या करीब 11 करोड़ है।

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