अब घर के छत पर उगाएं सब्जियां, मिट्टी की नहीं जरूरत
आप जिन सब्जियों और फल को अपने सेहत के लिए अच्छा मानकर रोज उनका इस्तेमाल करते हैं, वे भी उतने साफ नहीं होते हैं। कई बार धोने पर भी उनमें कुछ प्रतिशत कीटनाशक चिपके ही रह जाते हैं।
लखनऊ: आप जिन सब्जियों और फल को अपने सेहत के लिए अच्छा मानकर रोज उनका इस्तेमाल करते हैं, वे भी उतने साफ नहीं होते हैं। कई बार धोने पर भी उनमें कुछ प्रतिशत कीटनाशक चिपके ही रह जाते हैं।
लेकिन सोचिए अगर आपको एक ऐसी सुविधा मिल जाए, जहां बिना मिट्टी के आप अपनी जरूरत की सब्जियां और फल खुद उगा सकें और वो भी जैविक तरीके से, तो आपके स्वास्थ्य के लिए कितना अच्छा होगा। अब ऐसा मुमकिन है।
केंद्रीय ऊपोषण बागबानी संस्थान (सीआईएसएच) के वैज्ञानिक पोषक तत्वों को सब्जी में बनाए रखते हुए बिना मिट्टी के खेती की इस विधि अब आम लोगों को सिखा रहे हैं।
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सीआईएसएच के निदेशक शैलेंद्र राजन के मुताबिक अभी तक हाइड्रोपाॅनिक्स केवल वैज्ञानिक लैब तक सीमित थी। अब इसे आम लोगों तक पहुचाने पर काम हो रहा है जिससे लोग अपनी ही घर में सब्जियां उगा सकें। मिट्टी का उपयोग सब्जियां उपयोग इसलिए होता है, क्योंकि पौधों को जरूर पोषक तत्व वहां से मिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि पानी में ही अगर जरूरी मात्रा इन पोषक तत्वों को उपलब्ध करा दिया जाए। ऐसे में मिट्टी की जरूरत खत्म हो जाती है। इस विधि से नियंत्रित वातावरण में घर के अंदर खेती हो सकती है। इससे जलवायु ठीक नहीं होने पर भी खेती पर असर नहीं होगा।
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डाॅ राजन का कहना है कि मिट्टी में घुल चुके आर्सेनिक, कैडियम जैसे तत्वों के खतरे बढ़ने के बाद अब हाइड्रोपाॅनिक्स इस समस्या के निदान के रूप में भी देखी जा रही है। कई स्थानों पर मिट्टी के स्वस्थ न होने के कारण पौधे उसमें से हानिकारक तत्वों का अधिक अवशोष कर लेते हैं जो इंसान और जानवर दोनों के लिए खतरनाक है।
उनका कहना है कि हाइड्रोपाॅनिक्स से खेती करने पर 90 प्रतिशत तक पानी की बचत भी होती है। इस विधि में पानी को उपयोग करने के बाद रिसाइकल भी किया जा सकता है। वहीं उत्पादन भी मिट्टी की तुलना में 2.8 गुना तक देखने को मिला है।
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