बंद हुआ पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर, जानिए क्या है वजह

ओडिशा के पुरी में 12वीं सदी के स्थित जगन्नाथ मंदिर को बंद कर दिया गया। इसकी वजह से शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आए श्रद्दालुओं को घंटों इंतजार के बाद बिना दर्शन वापस लौटना पड़ा। पुलिस और पंडों के हाथापाही के बाद पुजारी ने मंदिर का दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया।

Update: 2018-12-28 16:03 GMT

पुरी: ओडिशा के पुरी में 12वीं सदी के स्थित जगन्नाथ मंदिर को बंद कर दिया गया। इसकी वजह से शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए आए श्रद्दालुओं को घंटों इंतजार के बाद बिना दर्शन वापस लौटना पड़ा। पुलिस और पंडों के हाथापाही के बाद पुजारी ने मंदिर का दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया।

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पुलिस और पंडा के बीच मारपीट

दरअसल श्रीमंदिर परिसर के भीतर ही पंडा और पुलिस के बीच मारपीट की घटना गुरूवार रात की है। इस मारपीट में एक पंडा घायल हो गया था। दोनों तरफ से सिंहद्वार थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। पुलिस कांस्टेबल विश्वजीत परीजा और सेवायत भवानी शंकर महापात्र के बीच मारपीट के बीच मारपीट हुई थी।

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इस वजह से हुई दोनों में हाथापाई

अधिकारियों का आरोप है कि मंदिर के पंडा भवानी शंकर महापात्र गुरुवार शाम को मंदिर के अंदर तीन भक्तों को ले जाने का प्रयास कर रहे थे। मुख्य गेट पर पुलिस ने उन्हें रोका, क्योंकि उन्हें संदेह था कि वे हिंदू नहीं हैं। मंदिर में केवल हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैं। जब पुलिस कांस्टेबल विश्वजीत परीजा ने पंडा को रोका तो शंकर महापात्र ने कहा कि ये भक्त बंगाली हैं, इस बात को लेकर दोनों में हाथापाई हुई।

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महापात्र ने कहा कि मंदिर में पुलिसकर्मियों ने अनावश्यक रूप से बहस की और उनके साथ बदसलूकी करने की कोशिश की। पर्यटक सभी बंगाल से थे, लेकिन पुलिस ने अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। इस घटना के बाद, महापात्र और पुलिस कांस्टेबल दोनों ने सिंहद्वार पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग केस दर्ज कराई हैं।

यह विवाद ऐसे वक्त पर हुआ है जब कुछ दिन बाद मंदिर प्रशासन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुझाए गए सुधार के उपायों को 1 जनवरी से लागू करना है।

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