Omicron Sub Variant: ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, एंटीबॉडी को दे सकता है चकमा

Omicron New Variant: ओमीक्रान के बीए2 सबवेरिएंट की तीन नई वंशावलियां बीए.2.74, बीए.2.75 और बीए.2.76, लेकिन इनमें भी बीए.2.75 सबवेरिएंट सबसे रहस्यमय है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-07-05 11:42 IST

ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता (photo: social media )

Omicron Sub Variant: भारत में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ओमीक्रान (Omicron New Variant) के बीए2 सबवेरिएंट के तीन नए और अत्यधिक संक्रामक वेरियंट्स के कारण कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। खतरनाक बात ये है कि ये वेरियंट्स हमारी एंटीबॉडी को चकमा देने में सक्षम हो सकते हैं।

ओमीक्रान के बीए2 सबवेरिएंट की तीन नई वंशावलियां हैं - बीए.2.74, बीए.2.75 और बीए.2.76, लेकिन इनमें भी बीए.2.75 सबवेरिएंट सबसे रहस्यमय है। बताया गया है कि ये कुछ म्यूटेशन के कारण एंटीबॉडी को चकमा देने में सक्षम है। यानी पहले हुए कोरोना संक्रमण या वैक्सीनेशन से बनी एंटीबॉडी को ये सबवेरिएंट चकमा दे सकता है। यही नहीं, ये सबवेरियंट खुद को मानव कोशिकाओं से बेहतर तरीके से जोड़ लेता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जितनी बार आप संक्रमित होते हैं, आपको लंबे समय तक कोरोना के दीर्घकालिक प्रभाव होने का खतरा बढ़ जाता है। अभी बीए2.75 के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि इसपर रिसर्च अभी चल रही है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, बीए.2 मुख्य रूप से जनवरी में तीसरी लहर को ट्रिगर करने के लिए जिम्मेदार था। बीए.2.75 में 80 से अधिक म्यूटेशन हैं, जबकि बीए.2 में लगभग 60 हैं। भारत के अलावा, सात अन्य देशों द्वारा भी इस स्ट्रेन की सूचना दी गई है। ये देश हैं - जापान, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और न्यूजीलैंड।

वैज्ञानिकों ने ओमीक्रान के इस वंश पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है क्योंकि इसमें अधिकांश म्यूटेशन अनोखे हैं और इसने अपने भौतिक रासायनिक चरित्र को भी काफी बदल दिया है।

इस बीच इज़राइली चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ शाय फ्लीशोन ने कहा है कि इन सबवेरिएंट में देखी गई वृद्धि चिंताजनक है क्योंकि ये पहले के स्वरूपों में नहीं देखी गई है। इसके अलावा, यह पहली बार है जब ओमीक्रान से दूसरी पीढ़ी का संस्करण कई क्षेत्रों में फैल गया है।

चौथे इंजेक्शन की जरूरत

इस बीच कई देशों में कोरोना से बचाव के लिए चौथे इंजेक्शन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम इनमें प्रमुख हैं। चौथी डोज़ का मतलब है वैक्सीन की दो रेगुलर डोज़ के बाद दो बूस्टर डोज़।

कितनी बार हो सकता है संक्रमण

कोरोना समेत कोई भी वायरस लगातार बदलते रहते हैं सो किसी भी नए स्ट्रेन से व्यक्ति में दोबारा संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप एक बार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं तो वायरस के नए और उभरते हुए रूपों से पुन: संक्रमित होना संभव है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक वर्ष में कई बार कोरोना से पुन: संक्रमित होना संभव है। अच्छी बात ये है कि टीकों या पहले के संक्रमण से बनी प्रतिरक्षा के कारण पुन: संक्रमण हल्का और कम गंभीर होने की संभावना होती है।

क्या करें

संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, टीकाकरण के बारे में अप-टू-डेट रहना, सोशल डिस्टेंसिंग और सामान्य साफ सफाई का पालन करना चाहिए। साथ ही अपनी इम्यूनिटी का स्तर ऊंचा बनाये रखने के प्रयास करने चाहिए।

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