One Nation One Election: रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी का ऐलान, अमित शाह-अधीर रंजन-हरीश साल्वे समेत ये नाम

One Nation One Election : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। कानून मंत्रालय ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। समिति के सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं...

Update:2023-09-02 18:38 IST
One Nation One Election (social Media)

One Nation One Election : भारत सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (One nation, One election) की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया। इसमें, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

कानून मंत्रालय द्वारा गठित समिति में जिन लोगों को जगह मिली है उनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary), पूर्व राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे (Harish Salve), सुभाष कश्यप का नाम शामिल है।

क्या बोले संसदीय कार्य मंत्री?
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने कहा, 'अभी एक समिति का गठन किया गया है। समिति की एक रिपोर्ट आएगी, जिस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा, संसद परिपक्व है। वहां चर्चा होगी। घबराने की आवश्यकता नहीं है। भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। यहां विकास हुआ है। मैं संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा करूंगा।'

ये होगा समिति का नाम

कमेटी का नाम उच्च स्तरीय समिति और अंग्रेजी में HLC कहा जाएगा। विधि न्याय विभाग के सचिव नितेन चंद्र (Niten Chandra) इसका हिस्सा होंगे। नितेन चंद्र HLC के सचिव भी होंगे। इसके अलावा कमेटी की बैठक में केंद्रीय न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) मौजूद रहेंगे। दरअसल, एक राष्ट्र, एक चुनाव का मतलब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराना है।

पीएम कर चुके हैं 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की वकालत

प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई बार अपने भाषण में 'एक देश-एक चुनाव' का जिक्र करते रहे हैं। इस बिल के समर्थन के पीछे सबसे बड़ा तर्क ये दिया जा रहा है कि इससे चुनाव में होने वाले करोड़ों रुपए के खर्च को बचाया जा सकता है। पैसों की बर्बादी को बचाना लक्ष्य है। पीएम मोदी कई मौकों पर 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के बारे में खुलकर अपनी बात रखते रहे हैं। इसके पक्ष में कहा जाता है कि, One Nation One Election बिल लागू होने से देश में हर वर्ष होने वाले चुनावों पर खर्च पर लगाम लग सकती है।

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