गुरमेहर पर गूंजेगी संसद! विपक्षी पार्टियों ने कसी कमर, पहले ही आ सकता है काम रोको प्रस्ताव

Update:2017-03-02 10:49 IST

उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: अगले सप्ताह जब पूरे एक माह के अंतराल के बाद संसद के बजट सत्र की बैठक दोबारा शुरू होगी तो सरकार को दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के रामजस कॉलेज के हालिए वाकये से दो-चार होना पड़ेगा। डीयू परिसर में पिछले एक सप्ताह से मचे घमासान और बोलने की आजादी की मांग पर मीडिया की सुर्खियों में आई गुरमेहर कौर पर की गई भद्दी टिप्पणियों के मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए लिखित नोटिस देने की तैयारी है।

इस विवाद में विपक्षी पार्टियों के निशाने पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू से लेकर दिल्ली पुलिस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) समेत वे तमाम लोग और संगठन हैं, जो हाल की उकसावे व हिंसा की कार्रवाईयों में लिप्त बताए गए हैं।

कांग्रेस ने दिए संकेत

दिल्ली विवि में हिंसा की घटनाओं पर मंगलवार (28 फरवरी) को संसद भवन में गृह मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति की बैठक हुई। बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस सांसद और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कार्यसूची के इतर इस मामले को उठाकर पहले ही यह संकेत दे दिया है कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में बड़े स्तर पर लाने की ठान चुकी है।

कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने निकाली भड़ास

गौरतलब है कि रिजिजू के इस बयान पर दिल्ली विवि के छात्रों और शिक्षकों के साथ कई विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि कौन लोग हैं जो इस लड़की, गुरमेहर के मन को कलुषित कर रहे हैं। कांग्रेस व वाम दलों के नेताओं ने हाल में विश्वविद्यालय परिसर में एबीवीपी और दिल्ली पुलिस की कथित सांठ-गांठ से छात्रों पर हमलों का विरोध करने के लिए आयोजित रैली में खुलकर भड़ास निकाली है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें आने वाले समय में विपक्ष किस तरह घेर सकती है सरकार को

काम रोको प्रस्ताव के तहत हो सकती है चर्चा

गुरमेहर मामले को दोनों सदनों में किस नियम के तहत उठाया जाएगा, इस सवाल पर संसद में विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की जा सकती है। बता दें कि इस नियम के तहत यह परिपाटी है कि बाकी कामकाज मुल्तवी (स्थगित) कर पहले उस प्रकरण विशेष पर चर्चा के बाद ही सदन का बाकी विधायी कामकाज निपटाया जाए। विपक्षी दलों के सूत्रों का कहना है कि बीजेपी विरोधी क्षेत्रीय दलों और छोटी पार्टियों से विचार-विमर्श के बाद इस मामले को उठाने की रणनीति बनेगी।

हालांकि विपक्ष का स्पष्ट कहना है कि मामला बहुत ही संवेदनशील है। इस मामले में मोदी सरकार व दिल्ली पुलिस को आसानी से बच निकलने का रास्ता नहीं दिया जाएगा।

विपक्ष हो रहा लामबंद

डीयू में बीजेपी से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी और दिल्ली पुलिस की सांठ-गांठ को लेकर विपक्ष मोदी सरकार की उकसावे और बदले की कार्रवाई को लेकर दूसरे दलों से लगातार संपर्क में हैं। कांग्रेस संसदीय पार्टी के सूत्रों का कहना है कि वाम दलों सहित कुछेक क्षेत्रीय दलों की सहमति ले ली गई है। यूपी व चुनाव हो रहे राज्यों के अन्य दलों के नेताओं के साथ 8 तारीख तक बातचीत पूरी हो जाएगी।

जारी ...

भविष्य की राजनीति पर नजर

दिल्ली विश्वविद्यालय में असहमति के अधिकार को लेकर पिछले सप्ताह की प्रस्तावित चर्चा भले ही भगदड़ और मारपीट के बाद रद्द हो गई। लेकिन विपक्षी पार्टियों को लगता है कि इस मामले को आने वाले दिनों में युवा व छात्र आंदोलनों को तेज करने में भुनाया जा सकता है। गौरतलब है कि इस साल के आखिर में गुजरात व हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी के खिलाफ युवाओं और छात्र मतदाताओं के बीच उठाने का मौका मिलेगा।

गुरमेहर मामले को कैश करने में जुटी कांग्रेस

कांग्रेस ने गुरमेहर मामले को पंजाब की माटी का मुद्दा बनाने को पहले ही कमर कस ली है। इसकी शुरुआत के लिए कांग्रेस के बाकायदा पंजाब कांग्रेस नेता और अकाली सरकार में वित्त मंत्री रहे मनप्रीत बादल ने इस मुद्दे को पंजाब की आन बान शान का मुद्दा बनाने की ठान ली है।

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