पाकिस्तान का दावा, मोदी सरकार ने दिया था बातचीत का न्योता, लेकिन

पाकिस्ता‍नी पीएम के सलाहकार ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि भारत दुनिया को केवल यह बताए कि सभी कुछ ठीक हो गया है और हर चीज पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए सही वातावरण तैयार करना होगा।

Update: 2020-10-14 13:08 GMT
भारत ने एक बार फिर से पाकिस्तान को साफ़-साफ ये संदेश देने की कोशिश की है अगर भारत से बातचीत करनी है तो उसे आतंकवाद का समर्थन करना बंद करना होगा।

नई दिल्ली: पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। सीमा पर से आये दिन पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी और सीज फायर के उल्लंघन की खबरें आती रहती है।

भारतीय सेना पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब भी दे रही है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के दौरान इमरान खान सरकार ने दावा किया है कि पिछले साल मोदी सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए न्योता भेजा था।

पाकिस्ता‍नी प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसूफ ने बताया कि पाकिस्तान ने कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत' शुरू करने से पहले 5 शर्ते रखी थी।

मोइद ने एक भारतीय न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में ये बात कही कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों का इच्छुक है और सभी मसलों को बातचीत के जरिए हल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हमने भारत के साथ बातचीत शुरू करने से पहले पाकिस्तान की तरफ से पांच शर्ते रखी है।

पाकिस्ता‍नी प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद युसूफ की फोटो(सोशल मीडिया)

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क्या है वो 5 शर्ते

मोइद ने आगे उन 5 शर्तों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीेर के सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करना होगा, कश्मीर के अंदर बंदी और रोक पर से प्रतिबन्ध हटाना होगा, गैर कश्मीरियों को बसने का अधिकार समाप्त करना होगा।

मानवाधिकारों के कथित उल्लंचघनों पर रोक लगानी होगी और पाकिस्तान में कथित आतंकवाद को बंद करना होगा। उन्होंने आगे ये भी दावा किया कि हाल के दिनों में भारत की ओर से पाकिस्तान को बातचीत के लिए संकेत मिले हैं।

बता दें कि जम्मूद-कश्मीर में आर्टिकल 370 के समाप्त किये जाने के बाद से ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी पाकिस्तानी अधिकारी ने भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया है।

इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद ने आरोप लगाया कि भारत ने पाकिस्तान के पड़ोसी देशों के दूतावासों का इस्तेमाल ग्वादर, चीनी वाणिज्य दूतावास कराची और पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज पर हमले के लिए किया। वे यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि 'भारत ने 10 लाख डॉलर खर्च किए जिससे कि तहरीके तालिबान पाकिस्तान के अफगानिस्तान में विभिन्न धड़ों में मिलकर एक हो जाये।

जम्मू कश्मीर के अंदर सेना के जवान ड्यूटी करते हुए(फोटो: सोशल मीडिया)

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रॉ पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया

उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी रॉ पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने का काम करती है। उन्होंने कहा, 'पाकिस्ता़न के पास इस बात के सबूत हैं कि दिसंबर 2014 में पेशावर में हुए एपीएस आतंकी हमले की साजिश रॉ ने रची थी।'

पाकिस्ता‍नी पीएम के सलाहकार ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि भारत दुनिया को केवल यह बताए कि सभी कुछ ठीक हो गया है और हर चीज पर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए सही वातावरण तैयार करना होगा।

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