अमित शाह ने खड़गे-अधीर रंजन को लिखी चिट्ठी, बोले- 'मणिपुर पर चर्चा के लिए हम तैयार, जनता आपको देख रही है'

Parliament Monsoon Session: मणिपुर हिंसा पर संसद के दोनों सदनों में चल रहे गतिरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा, जनता के खौफ को ध्यान में रखें।

Update:2023-07-25 19:14 IST
संसद में अमित शाह (Social Media)

Parliament Monsoon Session: मणिपुर मुद्दे पर अब तक संसद का मानसून सत्र हंगामेदार रहा। दोनों सदनों में अभी भी गतिरोध जारी है। विपक्ष मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहा है तो दूसरी तरफ, सरकार कह रही है कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष शामिल हो। इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार (25 जुलाई) को लोकसभा में कहा, 'चर्चा करने पर सरकार को कोई डर नहीं है। शाह बोले, मैंने लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को चिट्ठी भी लिखी है'।

अमित शाह ने ये बातें 'मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव अमेंडमेंट बिल' (Multi State Cooperative Amendment Bill) पर चर्चा के दौरान कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'उनको (विपक्ष) दलितों, महिलाओं के कल्याण और सहकार में कोई रुचि नहीं है। इनका नारे लगाना स्वाभाविक है। मगर, मैं कहना चाहता हूं कि मैंने दोनों सदनों के विपक्ष के नेता को पत्र लिखा है कि, हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं।' आपको बता दें, संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जबकि लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी हैं।

अमित शाह- जनता आपको देख रही है

केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'मणिपुर पर लंबी चर्चा करने के लिए सरकार तैयार है। सरकार को कोई डर नहीं है। यहीं उन्होंने विपक्ष को आगाह करते हुए कहा, जनता आपको देख रही है। चुनाव में भी जाना है। जनता के खौफ को ध्यान में रखें। संवेदनशील मुद्दे के लिए सदन में उचित माहौल बनाए रखना जरूरी है।'

गृह मंत्री ने विपक्ष के नेताओं को क्या लिखा?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने कहा, कि 'ये मैं आपको मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए लिख रहा हूं। उन्होंने कहा, 'हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है। ये हमारी सामूहिक इच्छा के प्रतीक के रूप में खड़ी है। रचनात्मक बहस, सार्थक चर्चा तथा जन-समर्थक कानून के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्य करती है।'

मणिपुर भारत की संस्कृति का गहना है

शाह ने पत्र में आगे लिखा, 'आप जानते हैं कि मणिपुर भारत का एक बेहद महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है। मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत न केवल मणिपुर, बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति का गहना है।'

ये कठिन समय, दलगत भावना से ऊपर उठकर आगे आएं

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, 'मणिपुर में 6 वर्षों के बीजेपी शासनकाल में यह क्षेत्र शांति और विकास के नए युग का अनुभव कर रहा था। लेकिन, कुछ अदालती फैसलों और कुछ घटनाओं के कारण मई महीने की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुईं। कुछ शर्मनाक घटनाएं भी सामने आई। जिसके बाद पूरे देश की जनता, उत्तर-पूर्व की जनता विशेषकर मणिपुर की जनता, देश की संसद से अपेक्षा कर रही है कि इस कठिन समय में सभी पार्टियां दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मणिपुर की जनता के साथ खड़ी रहे।'

सभी दलों का साथ अपेक्षित है
शाह ने कहा, 'ये ऐसा वक़्त है जब मणिपुर की जनता चाहती है कि सभी पार्टियों के सांसद उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि हम एक होकर मणिपुर में शांति के लिए संकल्पबद्ध हैं। पहले भी हमारी हमारी महान संसद ने यह करके दिखाया है। वहीं, विपक्ष की मांग है कि सरकार मणिपुर पर बयान दे। उन्होंने कहा, मैं आपको बताना चाहता हूं कि सरकार सिर्फ स्टेटमेंट ही नहीं बल्कि पूरी चर्चा को तैयार है। लेकिन, इसमें सभी दलों का साथ अपेक्षित है। मेरी विपक्षी दलों से विनती है कि अच्छे और स्वच्छ वातावरण में आप चर्चा के लिए आगे आएं।'

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