Rajya Sabha में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार तैयार, बैठक में INDIA का सुझाव- बहस के लिए न हो कोई समय सीमा !
Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में मणिपुर मामले पर गतिरोध समाप्त करने की दिशा में प्रयास रंग लाता नजर आ रहा है। बहस के लिए केंद्र सरकार तैयार है। केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत में रूल- 267 पर विपक्ष ने भी लचीला रुख दिखाया है।
Parliament Monsoon Session: संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा (Rajya Sabha) में मणिपुर हिंसा को लेकर जारी गतिरोध खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा में मणिपुर मामले पर बहस के लिए केंद्र सरकार राजी है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार, ये चर्चा मानसून सत्र के आखिरी दिनों में हो सकती है। आपको बता दें कि, संसद का मानसून सत्र आगामी 11 अगस्त को समाप्त होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार (03 अगस्त) को लोकसभा में एक बार फिर कहा कि, मणिपुर मामले पर विपक्ष जितनी लंबी बहस करना चाहती है, करें। सरकार इसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं।' हालांकि, उन्होंने तंज भरे लहजे में ये भी कहा कि, विपक्ष की प्राथमिकता अपने गठबंधन को बचाना है। विपक्ष को मणिपुर की कोई चिंता नहीं है।'
'मणिपुर मुद्दे पर हम तैयार, विपक्ष भाग रहा'
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत 20 जुलाई को हुई थी। सत्र के पहले दिन से विपक्षी पार्टियों के सांसदों का शोर-शराबा सदन में जारी है। विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से सदन में मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग कर रही है। जिस पर सरकार का कहना है कि, 'हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्षी दल चर्चा से भाग रहे हैं।'
बैठक में विपक्षी पार्टियों ने ये दिया सुझाव
मणिपुर हिंसा मामले पर संसद में जारी गतिरोध के बीच राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) ने विपक्षी नेताओं के साथ 03 अगस्त को बैठक की। एक समाचार एजेंसी की मानें तो इस दौरान विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A' के घटक दलों के नेताओं ने सुझाव दिया है कि मणिपुर पर चर्चा होने के दौरान कोई समय सीमा नहीं होनी चाहिए।
जयराम रमेश ने ये कहा
इस मीटिंग के बाद राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि, 'विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' के घटक दलों ने गतिरोध खत्म करने के लिए बीच का रास्ता सुझाया है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार इसे स्वीकार करेगी।' ये अलग बात है कि, उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया कि विपक्ष ने क्या पेशकश की? लेकिन, ABP News की खबर की मानें तो सरकार चर्चा के लिए तैयार है।
रूल- 267 पर विपक्ष का लचीला रुख
मणिपुर हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष लगातार अपनी मांग पर अड़ा है। विपक्षी दलों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में मणिपुर विषय पर बयान देना चाहिए। फिर समग्र चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष रूल- 267 के तहत चर्चा की मांग को लेकर अपने रुख को लचीला किया है। यहां आपको बता दें कि, रूल-267 के तहत कार्य स्थगन का प्रावधान होता है।
मणिपुर में 03 मई को भड़की थी हिंसा
उल्लेखनीय है कि, मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय (Meitei Community) की मांग के विरोध में 3 मई को 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद राज्य में शुरू हुई हिंसा अब तक जारी है। इस हिंसा की आग में अभी तक 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोगों के घर जलाए दिए गए हैं। बहुत से लोग राहत शिविरों में जीवन बिताने को मजबूर हैं।