Parliament Special Session Live: पं नेहरू की गूंज और अटल बिहारी के शब्द आज भी हमें प्रेरित करते और दिशा देते हैं बोले- पीएम मोदी
Parliament Special Session 2023 Live Updates: विशेष सत्र के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा सदन की दीवारों से हमने जो प्रेरणा, नया विश्वास पाया है, उसे हम आगे लेकर जाएंगे। आज का दिन उन पुरानी स्मृतियों का याद करने का समय दिया, उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। मैं इस धरती को, सदन को प्रणाम करता हूं।
Parliament Special Session 2023 Live Updates: संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज (18 सितंबर) से शुरू हो गया है। संसद के विशेष सत्र में पहले दिन सोमवार को आजादी के बाद 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा जारी है। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने संसद के पुराने भवन से नए भवन में जाने को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि वे इस मौके पर भावुक हैं। सत्र का समापन 22 सितंबर, 2023 को होगा।
पीएम मोदी के कार्यकाल में यह संसद का दूसरा विशेष सत्र है। पहली बार वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के उपलक्ष्य में जून 2017 की आधी रात को विशेष सत्र आयोजित किया गया था। आज से शुरू हो रहे विशेष सत्र में आठ विधेयकों को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। संसद सत्र 19 सितंबर को नये सदन में होगा।
कार्यक्रम
- पहला दिन : पुराने संसद भवन में चर्चा
-- दूसरा दिन : पुराने संसद भवन में फोटो सत्र, उसके बाद सुबह 11 बजे सेंट्रल हॉल में समारोह। उसके बाद कार्यवाही नई संसद में होगी।
-- तीसरा दिन : नियमित संसदीय कामकाज 20 सितंबर से शुरू होगा।
- विशेष सत्र का पहला दिन - 18 सितंबर संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर चर्चा के लिए आरक्षित होगा। चर्चा में 75 साल की संसदीय यात्रा की उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख शामिल होंगी। संसद के 75 साल पूरे होने पर चर्चा की शुरुआत लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यसभा में बीजेपी के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल करेंगे।
- केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा है कि सदन की कार्यवाही 19 सितंबर को नए संसद भवन में चलेगी, जिसमें आठ विधेयकों को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- 17 सितंबर को हुई एक सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक और एससी/एसटी आदेश से संबंधित तीन विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है। पहले सूचीबद्ध विधेयकों में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष सत्र के बीच कैबिनेट की बैठक बुलाई है। बैठक 6 बजकर 30 मिनट पर होगी, जिसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
राज्यसभा में संसद के विशेष सत्र में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ने ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत को कमतर आंका, लेकिन यह एक लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विजयी हुआ है। जब हमने 1950 में लोकतंत्र को अपनाया, तो कई विदेशी विद्वानों ने सोचा कि लोकतंत्र विफल हो जाएगा, क्योंकि यहां लाखों की संख्या में लोग अशिक्षित हैं। तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल ने यहां तक कहा था कि अगर अंग्रेज चले गए, तो न्यायपालिका, स्वास्थ्य सेवाएं, रेलवे और सार्वजनिक कार्य स्थापित हो जाएंगे। उनके द्वारा पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा, सिस्टम को नष्ट कर दिया जाएगा। उन्होने हमें बहुत कमजोर कर दिया। हमने लोकतंत्र को बनाए रखकर उन्हे गलत साबित कर दिया। हमने इसे मजबूत किया और इसकी रक्षा की। आप पूछते हैं कि हमने 70 वर्षों में क्या किया है? हमने यही किया है 70 वर्षों में।
विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसआ में बोलते हुए कहा कि कैसे जब पू्र्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू अपने भाषण के दौरान समय सीमा से आगे बढ़ जाते थे तो स्पीकर घंटी बजाते थे। उन्होने उस समय भारत के लिए नेहरू के योगदान की ओर ध्यान दिलाया। जब देश भारत-पाकिस्तान विभाजन, गरीबी और अन्य चुनौतियों के दुष्परिणों से जूझ रहा था।
सदन में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमसे हर बार यही पूछा जाता है कि 70 साल में क्या क्या। खड़गे ने जवाब देते हुए कहा कि हमने वही किया है जो आज आप लोग आगे बढ़ा रहे हैं। दूसरी तरफ लोकसभा कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पर हर बार सवाल किया जाता है कि हमने कुछ नहीं किया। अगर वाई ऐसा है तो इसरो जैसे संस्थानों की स्थापनी किसने की। 1964 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसे बनवाया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विशेष सत्र के संबोधन के दौरान विभिन्न फैसलों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन ने कई चीजों को देखा है। सदन ने इमरजेंसी से लेकर संसद पर हमले को भी देखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ। अनुच्छेद 370 भी इसी सदन में हुआ। वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, GST का निर्णय, गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण भी इसी सदन में हुआ
विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह सौभाग्य का अवसर है, क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी बनने का अवसर मिला है। कल और आज से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। नई उमंग और नए उत्साह के साथ हम यहां से विदा लेने वाले हैं। सदन की दीवारों से हमने जो प्रेरणा, नया विश्वास पाया है। उसे हम आगे लेकर जाएंगे। आज का दिन उन पुरानी स्मृतियों को याद करने का समय दिया उसके लिए मैं धन्यवाद देता है। मैं इस धरती को और सदन को प्रणाम करता
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर पर आतंकी हमला हुआ। यह हमारी जीवात्मा पर हमला था। ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता है। जिन्होने सदस्यों को बचाने के लिए अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनको भी नमन करना चाहता हूं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान संसद में काम करने वाले कर्मचारियों का भी आभार जताया। पीएम मोदी ने कहा कि जब जनप्रतिनिधि अपनी भूमिका निभाते हैं लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है। जिनकी कई पीढ़ियां बदल गई, जो हमे कागज पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई है मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आगे बढ़ाने की बात कहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। पीएम ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि ये देश कैसे आगे बढ़े इसको लेकर हम सबको साथ काम करना चाहिए। पीएम ने कहा कि आज इस संसद में अटल बिहारी वाजपेयी की बात मुझे याद आ रही है, जब उन्होंने कहा था कि सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी, बिगड़ेंगी, लेकिन देश हमेशा आगे बढ़ता रहना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान जब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मंत्री थे तो देश में बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने की दिशा में बहुत काम हुआ। अंबेडकर हमेशा कहते थे कि देश में सामाजिक समानता के लिए देश में औद्योगिकीकरण होना बेहद जरूरी है। उस समय जो उद्योग नीति लाई गई थी, वो आज भी उदाहरण है।
विशेष सत्र में पीएम मोदी ने बोलते हुए कहा कि ऐसे पत्रकार जिन्होने संसद को कवर किया। शायद उनके नाम नहीं जाने जाते होंगे, लेकिन उनको कोई नहीं भूल सकता है। सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होने अपनी शक्ति खपा दी। उन्होने कहा आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं, तब मैं उन पत्रकार मित्रों को याद करना चाहता हूं। जिन्होने पूरा जीवन संसद के काम को रिपोर्ट करने में लगा दिया। एक प्रकार से जीवंत साक्षी रहे हैं। उन्होने पल-पल की जानकारी देश तक लोगों तक पहुंचाई है।