Parliament Special Session: सोनिया की चिट्ठी का केंद्र ने दिया जवाब- 'ये दुर्भाग्यपूर्ण,आपका परंपराओं की तरफ ध्यान नहीं'
Government Replies to Sonia Gandhi Letter : पार्लियामेंट के स्पेशल सेशन को लेकर सोनिया गांधी ने 9 मुद्दों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। जिस पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पत्र का जवाब आया है।
Government Replies to Sonia Gandhi Letter: संसद के विशेष सत्र (Special Session of Parliament) पर कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की चिट्ठी का केंद्र सरकार ने जवाब दिया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने बुधवार (06 सितंबर) को जवाब में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आपका परंपराओं की तरफ ध्यान नहीं है। संसद सत्र शुरू होने से पहले बातचीत की जाएगी।' गौरतलब है कि, संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर, 2023 तक चलेगा।
संसदीय कार्य मंत्री ने क्या दिया जवाब?
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी (Parliamentary Affairs Minister Prahlad Joshi) ने जवाबी चिट्ठी में सोनिया गांधी को लिखा, 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं। जैसा कि आपको विदित है, अनुच्छेद-85 (Article 85) के तहत संवैधानिक जनादेश का पालन करते हुए संसद सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। यह प्रावधान कहता है कि राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को ऐसे समय तथा स्थान पर, जो वह ठीक समझें, अधिवेशन के लिए आहूत करेगा। किन्तु, उसके एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की पहली बैठक के लिए नियत तारीख के बीच 6 महीने का अंतर नहीं होगा।'
शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं
प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति (Cabinet Committee) के अनुमोदन के पश्चात, राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितंबर से आरम्भ होने वाले संसद सत्र को बुलाया गया है। वो लिखते हैं, शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र (Parliament session) बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा होती है। महामहिम राष्ट्रपति जी के सत्र बुलाने के बाद और सत्र आरम्भ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।'
प्रह्लाद जोशी- 'हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार'
बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, 'मैं ये भी बताना चाहूंगा कि, हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा के लिए तैयार रहती है। वैसे आपने जिन मुद्दों का उल्लेख किया है वह सभी मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाए गए थे। हमारी सरकार ने उन पर जवाब भी दिया था।'
...आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ
उन्होंने कहा, 'सत्र की कार्यसूची (Agenda of the Session) हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर परिचालित की जाएगी। मैं ये फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आज तक संसद बुलाने के समय कार्यसूची पहले से कभी भी परिमित नहीं की गई।'
'विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी'
प्रह्लाद जोशी ने आखिर में कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी। इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, मैं आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकें।'
'ये सरकार का विशेषाधिकार...वो राजनीति कर रहीं'
वहीं, एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'वह (सोनिया गांधी) राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं। पहले भी सत्र बुलाने से पहले किसी से सलाह-मशविरा नहीं किया गया था। विपक्षी दलों से भी नहीं। ये सरकार का विशेषाधिकार है। इससे पहले, कभी भी जब अन्य सरकारें भी थीं, एजेंडा का पहले से खुलासा नहीं किया गया था।'
शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं
प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति (Cabinet Committee) के अनुमोदन के पश्चात, राष्ट्रपति महोदया द्वारा 18 सितंबर से आरम्भ होने वाले संसद सत्र को बुलाया गया है। वो लिखते हैं, शायद आपका परम्पराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र (Parliament session) बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा होती है। महामहिम राष्ट्रपति जी के सत्र बुलाने के बाद और सत्र आरम्भ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।'
प्रह्लाद जोशी- 'हम किसी भी मुद्दे पर चर्चा को तैयार'
बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, 'मैं ये भी बताना चाहूंगा कि, हमारी सरकार किसी भी मुद्दे पर हमेशा चर्चा के लिए तैयार रहती है। वैसे आपने जिन मुद्दों का उल्लेख किया है वह सभी मुद्दे अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर चर्चा के दौरान कुछ ही समय पूर्व संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाए गए थे। हमारी सरकार ने उन पर जवाब भी दिया था।'
...आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ
उन्होंने कहा, 'सत्र की कार्यसूची (Agenda of the Session) हमेशा की तरह स्थापित आचरण के अनुसार उचित समय पर परिचालित की जाएगी। मैं ये फिर से ध्यान दिलाना चाहता हूं कि हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आज तक संसद बुलाने के समय कार्यसूची पहले से कभी भी परिमित नहीं की गई।'
'विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी'
प्रह्लाद जोशी ने आखिर में कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी। इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, मैं आगामी सत्र को सुचारू रूप से चलाने में आपके पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करता हूं। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकें।'
'ये सरकार का विशेषाधिकार...वो राजनीति कर रहीं'
वहीं, एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'वह (सोनिया गांधी) राजनीति करने की कोशिश कर रही हैं। पहले भी सत्र बुलाने से पहले किसी से सलाह-मशविरा नहीं किया गया था। विपक्षी दलों से भी नहीं। ये सरकार का विशेषाधिकार है। इससे पहले, कभी भी जब अन्य सरकारें भी थीं, एजेंडा का पहले से खुलासा नहीं किया गया था।'