UCC News: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर हुई संसदीय समिति की बैठक, विपक्षी सांसदों ने उठाए कई सवाल

Parliamentary Panel Discuss on UCC: पीएम मोदी की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत के बाद इस दिशा में प्रयास तेज हो गए हैं। बीजेपी सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता में राज्य सभा की संसदीय स्थायी समिति इस पर सभी हितधारकों की राय लेने की कोशिश कर रही है।

Update:2023-07-03 16:23 IST
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Social Media)

Parliamentary Panel Discuss on UCC: देश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) या यूसीसी को लेकर कानून मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) की अहम बैठक सोमवार (03 जुलाई) को हुई। बैठक की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (MP Sushil Modi) ने की। इस अहम मीटिंग में कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर राज्यसभा की संसदीय स्थायी समिति ने विचार-विमर्श किया। बैठक में यूसीसी क्या है? यह कितना जरूरी है? इसे लेकर चर्चा हुई। कमेटी के सदस्यों से इस पर सवाल किए गए।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर इस बैठक में कानूनी मामलों के विभाग, विधायी विभाग और भारत के विधि आयोग (Law Commission of India) के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। बता दें, UCC देश के नागरिकों के व्यक्तिगत कानून (Personal Laws in India) बनाने और लागू करने का प्रस्ताव है। ये सभी नागरिकों पर उनके धर्म (Religion), लिंग (Gender) और यौन अभिविन्यास (Sexual Orientation) की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होता है।

बैठक-बैठक में कौन-कौन हुए शामिल?

इस महत्वपूर्ण बैठक में स्थायी समिति के अध्यक्ष तथा बीजेपी सांसद सुशील मोदी, बसपा एमपी मलूक नागर, शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राऊत, कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा, बीजेपी से लोकसभा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, बीजेपी के राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी सहित अन्य सदस्य और विधि आयोग के सदस्य सचिव तथा कानून मंत्रालय के अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
केंद्र सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में समिति के सदस्यों ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। UCC पर वर्तमान में समिति कोई फैसला या आदेश नहीं दे रही। अभी चर्चा कर ये जानने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या कुछ चल रहा है। इसे ध्यान में रखना होगा कि ये सिर्फ एक फैमिली लॉ (Family Law) नहीं, बल्कि समाज के हर धर्म, जाति, समुदाय से जुड़ा मसला है।

आया सुझाव, आदिवासियों पर ना पड़े असर

समिति ने सिख समुदाय (UCC Sikh community) के लोगों का ज़िक्र किया। कहा कि, वहां शादी के लिए आनंद मैरिज एक्ट (Anand Marriage Act) पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा, इस पर अब तक 19 लाख सुझाव प्राप्त हुए हैं। आदिवासी (खास तौर पर पूर्वोत्तर राज्यों में) पर इसका असर नहीं पड़े, ये सुझाव आया है।
टाइमिंग पर सवाल, लोकसभा चुनाव से जोड़ा

संसदीय पैनल में विपक्षी सांसदों ने यूसीसी पर विधि आयोग के परामर्श के समय पर सवाल उठाए गए। विपक्षी दलों के नेताओं ने टाइमिंग पर सवाल खड़े करते हुए इसे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से जोड़ा।
14 जुलाई तक आम जनता भेज सकते हैं राय

देश में समान नागरिक संहिता पर चर्चा जोर-शोर से आगे बढ़ चली है। हाल ही में विधि आयोग (Law Commission on UCC) ने इस मुद्दे पर आम लोगों की राय मांगी थी। आपको बता दें कि, वर्तमान में विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक ग्रंथों द्वारा शासित होते हैं। संसदीय पैनल ने इस विषय पर चर्चा का आह्वान किया। इसी पर 22वें विधि आयोग (22nd Law Commission) ने पिछले महीने समान नागरिक संहिता की जांच शुरू कर दी थी। 14 जून को विधि आयोग ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की जांच के लिए जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राय मांगी थी। आम जनता UCC पर 14 जुलाई तक अपनी राय आयोग को भेज सकते हैं।

देश में दोहरी व्यवस्था कैसे चलेगी?

गौरतलब है कि, हाल में भोपाल में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की थी। UCC पर पीएम मोदी के बयान के बाद से कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया था। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि, देश में दोहरी व्यवस्था कैसे चलेगा? साथ ही उन्होंने संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का भी उल्लेख किया था।

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