Patna Opposition Meeting: '450 सीटों पर BJP के सामने हो एक कैंडिडेट', विपक्ष लाएगी प्रस्ताव...क्या कांग्रेस होगी तैयार?

Patna Opposition Meeting: पटना में होने वाली विपक्षी एकता बैठक से पहले कुछ मुद्दों पर आम सहमति बनती नजर आई है। 'एक के खिलाफ एक', जातिगत जनगणना पर आम सहमति, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे विषय चर्चा में हो सकते हैं।

Update: 2023-06-21 17:29 GMT
23 जून की पटना में होने जा रही विपक्षी एकता बैठक (Social Media)

Patna Opposition Meeting : बिहार की राजधानी पटना विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए तैयार है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ विपक्ष एकजुट दिखने की कोशिश कर रही है। खबर है कि बैठक से पहले तमाम विपक्षी दलों में 'एक के खिलाफ एक', जातिगत जनगणना (Caste Census in India) पर आम सहमति, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ आंदोलन और हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण (Hindu-Muslim polarization) जैसे मुद्दों पर आम सहमति बन सकती है।

गौरतलब है कि विपक्षी एकता का प्रदर्शन 12 जून को प्रस्तावित था। पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने वाली थी, मगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे और मल्लिकार्जुन खड़गे के समय न दिए जाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।

इन नेताओं ने बैठक में आने की दी सहमति

पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक से पहले कयासों का दौर जारी है। वर्तमान में कांग्रेस (Congress) पार्टी के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), TMC प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पटना में होने वाली बैठक में शामिल होने पर सहमति दी है। बता दें ये बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में होने जा रही है। नीतीश के नेतृत्व वाली जदयू और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल इस बैठक के प्रमुख प्रस्तावक हैं।

के.सी.त्यागी ने बताया क्या होगा फार्मूला

जदयू के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद के.सी. त्यागी ने न्यूज 18 से बातचीत में बैठक से जुड़ी अहम बात बताई। त्यागी ने कहा, 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रस्ताव रखा है कि विपक्ष वोटों को मजबूत करने का एकमात्र तरीका 'एक के खिलाफ एक' का फार्मूला हो सकता है। त्यागी का कहना है कि पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को छोड़कर विपक्ष के लिए ये फॉर्मूला काम करेगा। यह बैठक उन दलों के लिए चर्चा का एक मंच है जो एक जैसी विचारधारा रखते हैं।' वहीं, सत्ताधारी बीजेपी का मानना है कि, किसी भी सूरत में ये फार्मूला सफल नहीं होगा। इसके पीछे वजह ये है कि अपने जनाधार वाले क्षेत्र में दूसरी पार्टी कुर्बानी क्यों देगी?

केंद्रीय एजेंसियों की मनमानी भी हो सकता है विषय

जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता के.सी. त्यागी ने आगे बताया कि 'एक के खिलाफ एक' फार्मूला के अलावा भी विपक्षी दलों के लिए कई मुद्दे हैं। देश में सांप्रदायिक आधार पर 'ध्रुवीकरण’, सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की आए दिन मनमानी और जातिगत जनगणना की जरूरत जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि, भले ही क्षेत्रीय दलों के पास बैठक में उठाने के लिए विशेष मुद्दे हों मगर मीटिंग में चर्चा का केंद्र आगामी चुनाव को लेकर रणनीति ही होगी।'

क्या कांग्रेस होगी दो ध्रुवीय लड़ाई पर सहमत?

जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव लोकसभा के 450 निर्वाचन क्षेत्रों पर द्विध्रुवीय चुनावी लड़ाई के प्रस्ताव को रखेंगे। इसका मतलब है कि एक बीजेपी कैंडिडेट के सामने विपक्ष का एक प्रत्याशी मैदान में उतारा जाए। राजद नेता ने मीडिया को बताया कि, सीनियर लीडर जैसे ममता बनर्जी और अखिलेश यादव इस बात पर सहमत हुए हैं। मगर, हमें कांग्रेस की सहमति चाहिए। क्योंकि, अभी भी कई राज्यों में उनकी सरकार है।

विपक्ष के ये चेहरे पहुंच रहे बैठक में

गौरतलब है कि, 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बड़ी बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं। तमाम विपक्षी दलों के नेता बैठक में शामिल होने के लिए 22 जून की शाम से लेकर 23 जून की सुबह तक पटना पहुंच जाएंगे। विपक्षी एकजुटता बैठक में शामिल होने के लिए सबसे पहले पटना पहुंचने वाले नेताओं में ममता बनर्जी का नाम शामिल है। इसके अलावा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, NCP सुप्रीमो शरद पवार, NC नेता फारूक अब्दुल्ला, PDP चीफ महबूबा मुफ्ती सहित लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी और डी राजा भी इस बैठक में शामिल होंगे।

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