पाकिस्तान का टिड्डी हमला: ऐसे बचाव कर रहे भारतीय, अपना रहे ये जुगाड़

पाकिस्तान से आई इस आफत से छुटकारा पाने के लिए भारतीय किसान हर हथकंडा अपना रहे हैं। किसान इस मुसीबत से पार पाने के लिए भारतीय जुगाड़ अपना रहे हैं।

Update:2020-05-30 14:30 IST

नई दिल्ली: पूरा देश पिछले कुछ महीनों से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रहा है। ऐसे में पूरा देश इस वायरस से परेशान है। लेकिन इस बीच देश में एक नए संकट ने जन्म ले लिया है। और देश में ये संकट पाकिस्तान की वजह से आया है। और आया भी पाकिस्तान से ही है। दरअसल देश में पाकिस्तान से आईं रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड ने पूरे भारत में अब तहलका मचा रखा है। जिसके चलते देश के अन्नदाता यानी हमारे किसान काफी परेशानी झेल रहे हैं। ऐसे में ये किसान इन टिड्डियों से निपटने के लिए नए-नए तरीकों को अपना रहे हैं। यहां कोई टाली बजा कर इनसे पीछा छुटा रहा है तो कोई खेत में डीजे लगाकार टिड्डियों को भगा रहा है। इसी ऐसा ही एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

टिड्डियों को भगाने का इंडियन जुगाड़

 

पाकिस्तान से आई इस आफत से छुटकारा पाने के लिए भारतीय किसान हर हथकंडा अपना रहे हैं। किसान इस मुसीबत से पार पाने के लिए भारतीय जुगाड़ अपना रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक खेत का मालिक डीजे के संगीत बजाकर जबकि दूसरे खेत का मालिक जुगाड़ से बनाए यंत्र से ​टिड्डियों को भगाने का प्रयास कर रहा है। ये वीडियो टिकटॉक पर धमाल मचा रहा है। इस वीडियो को pinkipatel855 ने शेयर किया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक खाली बोतल से टीन के डिब्बे को जोड़ा गया है।

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साथ ही उसमें कूलर की एक पंखुड़ी भी जोड़ी गई है। जब हवा में पंखुड़ी घूमती है तो पीछे लगा टीन का डिब्बे पर खट खट की तेज आवाज होती है। इस आवाज से टिड्डियों को भगाने में काफी मदद मिलती है। इसी तरह का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ ही लिखा है डीजे सिर्फ नाच गाने के लिए ही नहीं होता बल्कि टिड्डियों के झुंड को भगाने में भी कारगर होता है। दिन सबके बदलते हैं! आप मुंह से आवाज निकाल सकते हैं या थाली भी पीट सकते हैं।

राजस्थान का लगभग 90,000 हेक्टेयर इलाका प्रभावित

 

गौरतलब है कि इन टिड्डियों के हमले ने देश के कई राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। पाकिस्तान की सीमा से राजस्थान में घुसी टिड्डियों के हमले से राजस्थान के जिलों का लगभग 90,000 हेक्टेयर इलाका प्रभावित हुआ है। टिड्डियों के हमले से श्रीगंगानगर में लगभग 4,000 हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल को नुकसान हुआ वहीं नागौर में 100 हेक्टेयर भूमि की फसल को चट कर दिया।

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टिड्डियां एक दिन में 15-20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलकर एक दिन में 150 किलोमीटर तक की दूरी तक यात्रा कर सकती है। चूंकि अभी खेतों में खड़ी फसल नहीं है इसलिए टिड्डियां पेड़ों और दूसरे खाने की चीज़ों को अपना लक्ष्य बना रही हैं।

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