Rajasthan News: अब राजस्थान में ‘पेशाब कांड’, कांग्रेस विधायक और DSP पर गंभीर आरोप
Rajasthan Peshab Kand: मामला राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ का है। पीड़ित दलित शख्स का आरोप है कि पहले उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसके ऊपर पेशाब कर जूते चटवाए गए।
Rajasthan Peshab Kand: मध्य प्रदेश के सीधी में हुए चर्चित पेशाब कांड की गूंज काफी दिनों तक सुनाई दी थी। आरोपी के भाजपा से जुड़े होने के कारण शिवराज सरकार की भारी फजीहत हुई थी और खुद मुख्यमंत्री को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा। अब पड़ोसी राज्य राजस्थान से ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक दलित शख्स ने कांग्रेस विधायक और डीएसपी रैंक के एक पुलिस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मामला राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ का है। पीड़ित दलित शख्स का आरोप है कि पहले उसके साथ मारपीट की गई और फिर उसके ऊपर पेशाब कर जूते चटवाए गए। शख्स ने जिन चार लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वे सभी प्रभावशाली हैं। इसलिए महीनों तक ये मामला दबा रहा और पुलिस की ओर से ढुलमुल रवैया अपनाया गया है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए पीड़ित को अदालत की शरण में जाना पड़ा, जहां से आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ।
करीब डेढ़ माह पुराना है मामला ?
51 वर्षीय पीड़ित दलित शख्स द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, उसके मुताबिक 30 जून को जब वह अपने खेत में काम कर रहा था। तब कुछ पुलिसकर्मी उसके पास आए और उसे घसीटते हुए एक कमरे में ले गए। जहां डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज ने पहले उसे जमकर लात घूंसे से पीटा और फिर उसके ऊपर पेशाब कर दिया। पीड़ित के मुताबिक, डीएसपी ने जमवारामगढ़ के कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा के नाम पर उसे धमकाया।
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थोड़े समय बाद कांग्रेस विधायक स्वयं भी कमरे में दाखिल हुए और उन्होंने धमकाते हुए कहा कि जो मेरा कहना नहीं मानता उसका अंजाम यही होता है। पीड़ित के मुताबिक, विधायक गोपाल मीणा ने भी उसे जूत चटवाए। उसका मोबाइल फोन भी छिन लिया गया और किसी को इस बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित ने बताया कि उसने कुछ दिनों तक अपने साथ हुई इस बर्बरता के खिलाफ जमवारामगढ़ थाने में मामला दर्ज कराना चाहा, लेकिन पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया।
वह फरियाद लेकर एसपी से लेकर डीजी स्तर तक के अधिकारी के पास गया। लेकिन मामले में रसूखदार लोगों की संलिप्तता को देखते हुए उन्होंने भी कुछ नहीं किया। आखिरकार उसे अदालत की शरण में जाना पड़ा। जिसके बाद 27 जुलाई को कोर्ट ने पुलिस को आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज करने का आदेश दिया। जिसके बाद जमवारामगढ़ थाने में कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा, डीएसपी शिव कुमार भारद्वाज समेत कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस पंजीकृत किया गया।
इतने दिनों तक क्यों चुप था पीड़ित
पीड़ित दलित शख्स एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है। इस मामले को लेकर उसे शुरू से ही भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से उसे जान धमकियां मिलने लगी हैं। आए दिन उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी मिलती रहती थी। जिससे अजीज आकर उसने गुरूवार को मीडिया के समक्ष आकर पूरी घटना को बयां किया। पीड़ित के अनुरोध पर उसकी पहचान गुप्त रखी गई है।
जमीन से जुड़ा है मामला ?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला जमीन से जुड़ा हुआ है। इस मामले में पूर्व डीजी संदीप सिंह और उनकी पत्नी भी शामिल है। अब इस मामले में एक सत्तारूढ़ दल के विधायक और डीएसपी का नाम शामिल होने के बाद मामला काफी हाई प्रोफाइल हो गया। यही वजह है कि इस केस को लेकर पुलिस के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।