इतना महंगा होने वाला है पेट्रोल-डीजल, जानिए आपकी जेब पर क्या होगा असर

मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के ​हवाले से कहा गया है कि तेल मार्केटिंग करने वाली सरकारी कंपनियां खुदरा ईंधन को लेकर पिछले सप्ताह एक बैठक की थीं।

Update: 2020-05-28 14:01 GMT

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। इस वायरस पर काबू पाने के लिए सरकार की ओर से देश में पिछले 61 दिनों से लॉकडाउन लागू है। लेकिन इसके बावजूद भी देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने की वजाय लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अब लोगों पर कोरोना संकट के साथ महंगाई की मार भी पड़ना शुरू हो गई है। ऐसे में आम आदमी को सबसे ज्यादा चोट अब पहुँचने वाली है।

क्योंकि आने वाले दिनों में पेट्रोल के दाम 4 से 5 रूपए तक बढ़ने वाले हैं। वैसे भी पिछले कुछ दिनों में राज्य सरकारों ने लॉकडाउन में हुए घाटे को पूरा करने के लिए पेट्रोल-और डीजल पर बीत बढ़ाया था। जिसके चलते कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक दम से 4 से 5 रूपए की बढ़त होने की संभावना है। जानिए इसके पीछे क्या है वजह।

प्रतिदिन पेट्रोल डीजल के दाम रिवाइज करने की सोच रहीं कंपनियां

जानकारी के अनुसार अगले महीने से सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल का भाव प्रतिदिन रिवाइज करने की तैयारी में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में आधिकारिक सूत्रों के ​हवाले से कहा गया है कि तेल मार्केटिंग करने वाली सरकारी कंपनियां खुदरा ईंधन को लेकर पिछले सप्ताह एक बैठक की थीं। इस बैठक में मौजूदा हालात का जायजा लेते हुए लॉकडाउन के बाद के लिए रोडमैप तैयार किया गया। इसमें लॉकडाउन के बाद पेट्रो-डीजल के भाव को पहले की तरह प्रतिदिन रिवाइज करने पर भी चर्चा हुई है।

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लेकिन ये प्रक्रिया लॉकडाउन के 5वें चरण के शुरू होने के बाद लागू हो सकती है। हालांकि, इन कंपनियों को सबसे पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। लॉकडाउन की वजह से जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य तरह के यातायात बंद थे। इस वजह से तेल कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। उम्मीद की जा रही है पांचवें चरण के लॉकडाउन कई तरह की छूट दी जा सकती हैं। यही कारण है कि ये कंपनियां अपने एक बार फिर से तेल के दाम को प्रतिदिन रिवाइज करने के पक्ष में है।

प्रतिदिन बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

एक सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया कि पिछले महीने की तुलना में इस महीन वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट से करीब 50 फीसदी से लाभ हुआ है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव 30 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है और अब इसमें तेजी देखने को मिल रही है। कच्चे तेल के भाव में कमी होने की वजह से ग्राहकों की जेब पर एक्साइज ड्यूटी में इजाफा को असर उतना नहीं पड़ा। जाहिर है कि कोरोना वायरस की वजह से खुदरा ईंधन की बिक्री में वैसे भी भारी गिरावट दर्ज की गई है।

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इस समय हालात ये हैं कि तेल कंपनियों के लिए पेट्रोल डीजल के खरीद के मूल्य और और बिक्री मूल्य में करीब 4-5 रूपए प्रति लीटर तक का अंतर पहुंच चूका है। वहीं अगर इस बीच कहीं वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव स्थिर रहा तो इन तेल कंपनियों को इस गैप को खत्म करन के लिए करीब दो सप्ताह तक पेट्रोल-डीजल के भाव में प्रति दिन 40 से 50 पैसे प्रति लीटर का इजाफा करना होगा।

सरकार का है ये इरादा

वहीं इस बीच सराकर की ओर से सूत्रों का कहना है कि पेट्रो-डीजल की खुदरा बिक्री को लेकर इन कंपनियों को एक तय लिमिट के बाद कीमतों में इजाफा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि पेट्रोल-डीजल के भाव में 20 से 40 पैसे प्रति दिन का इजाफा होगा। संभव है कि यह कटौती इससे भी कम हो। लेकिन, उन्हें इस बात की छूट मिल सकती है कि इस अंतर को पूरा करने तक वो कीमतें धीमे-धीमे बढ़ाती रहें।

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ध्यान देने वाली बात यह भी है कि प्रतिदिन तेल के भाव में यह इजाफा वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव पर भी निर्भर करेगा। मौजूदा ट्रेंड के आधार पर देखें तो पिछले महीने की तुलना में क्रूड का भाव अब तक 50 फीसदी तक बढ़ चुका है। पिछले महीने ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव जहां 20 डॉलर प्रति बैरल था। वो अब बढ़कर 30 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुका है। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से डिमांड पर असर पड़ना संभावित है।

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