यूपी की योगी सरकार में नौकरशाही ने भी ओढ़ी भगवा चुनर
कहा जाता है कि शेयर बाजार और नौकरशाही, बाजार और राजनीति की नब्ज बहुत जल्दी पकड लेते हैं । सालों बाद यूपी की राजनीति में भगवा क्या हावी हुआ कि इसका चलन हो गया।
लखनऊ : कहा जाता है कि शेयर बाजार और नौकरशाही, बाजार और राजनीति की नब्ज बहुत जल्दी पकड लेते हैं । सालों बाद यूपी की राजनीति में भगवा क्या हावी हुआ कि इसका चलन हो गया। सीएम सचिवालय का रंग बदल कर भगवा किया गया तो अस्पतालों में हरे रंग की जगह भगवा ने ले ली। जी ये शाहरूख खान की फिल्म के गाने रंग दे तू मोहे गेरूआ से प्रभावित नहीं है। सब कुछ सीएम योगी आदित्यनाथ को खुश करने को किया जा रहा क्योंकि वो खुद भगवा कपडे में ही रहते हैं ।
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योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही गेरूआ गमछे अधिकतर युवकों के गले में नजर आने लगे थे। भगवा अध्यात्म का प्रतीक नहीं होकर एक फैशन हो गया था ।
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अब ताजा मामला सीएम के पीलीभीत दौरे का है। ब्यूरोक्रैसी किस तरह राजनीति के मिजाज को समझती है। ये इस दौरे में दिखा। बीजेपी विधायक, नेता या कार्यकर्ता भगवा पहने ये तो समझ में आता है लेकिन नौकरशाह भी इस रंग में रंग जाएं, ऐसा इस दौरे में दिखा। पीलीभीत की जिला मजिस्ट्रेट शीतल वर्मा, सीएम के सामने भगवा रंग की साडी में आईं । ये देखना दिलचस्प था। जिसने भी इसे देखा वो एक बार चौक गया।
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योगी सरकार ने आदेश जारी कर दिया है कि सरकारी भवन, सरकारी नोटिस बोर्ड और सडक किनारे लगे मील के पत्थर भी भगवा रंग में रंगे जाएं। लेकिन, सरकारी कर्मचारियों के लिए तो कोई ड्रेस कोड नहीं है न।