पीएम मोदी ने खींचा ‘विकसित भारत 2047’ का खाका, लक्ष्य हासिल करने के लिए संकल्प के साथ देश बढ़ रहा आगे

Independence Day 2024: राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आज फिर देशवासियों को 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना दिखाया।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-15 04:36 GMT

PM Modi   (photo: social media )

Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लगातार 11वीं बार ऐतिहासिक लाल किले से देश को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘विकसित भारत 2047’ का आखिर क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि 2047 को भारत को पूरी तरह विकसित बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से राय ली जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले भी 2047 तक देश को पूरी तरह विकसित बनाने पर जोर देते रहे हैं।

अपने पहले के संबोधनों में प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपनी सरकार की कई बड़ी योजनाओं की घोषणा लाल किले की प्राचीर से की थी मगर आज उन्होंने विकसित भारत का खाका खींचते हुए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रास्ता भी बताया। अपनी सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों के संबंध में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को प्रथम रखने का हमारा संकल्प है और इसी संकल्प को पूरा करने के लिए हम हर कदम उठा रहे हैं।

140 करोड़ लोग देश को समृद्ध बनाने में सक्षम

राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आज फिर देशवासियों को 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना दिखाया। उन्होंने कहा कि 40 करोड़ देशवासियों ने दुनिया की महासत्ता को उखाड़कर फेंक दिया और गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। हमारी रगों में भी हमारे पूर्वजों का ही खून बह रहा है आज हमारे पास 140 करोड़ लोगों की ताकत है।

अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं और आजादी का सपना पूरा कर सकते हैं, तो 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प और एकजुटता भारत को समृद्ध बना सकती है। इसके जरिए हम 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

देश के लोगों के सुझावों से मिली मदद

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए 'विकसित भारत-2047' सिर्फ भाषण देने मात्र का ही शब्द नहीं है। हम देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि देश के करोड़ों नागरिकों ने 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। देश के सामान्य नागरिक भी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे आए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे गांव के रहने वाले लोग हों या शहर में रहने वाले देशवासी। लोगों ने भारत को दुनिया का स्किल कैपिटल बनाने का सुझाव दिया है। भारत के विश्वविद्यालयों को ग्लोबल बनाने का भी सुझाव दिया है। क्या हमारा मीडिया ग्लोबल नहीं होना चाहिए। हमारे युवा को विश्व का स्किल्ड लेबर बनना चाहिए। इसके साथ ही मोटे अनाज को दुनिया के सभी डाइनिंग टेबल पर पहुंचना भी हमारा लक्ष्य है।

दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर

पीएम मोदी ने न्याय व्यवस्था में सुधार किए जाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने शासन प्रशासन में कैपिसिटी बिल्डिंग का सुझाव दिया। भारत का स्पेश स्टेशन बनना चाहिए। भारत को वेलनेस हब के रूप में बनना चाहिए। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनिमी बनना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने का वादा पहले ही कर रखा है।

सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने देश को विकसित बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमने बड़े रिफॉर्म्स जमीन पर उतारे हैं। गरीब हो,मध्यम वर्ग हो,वंचित हो,हमारे नौजवानों के संकल्प और सपने हों या हमारी बढ़ती हुई शहरी आबादी हो,इन सभी के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमने रिफॉर्म का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि रिफार्म का हमारा मार्ग आज विकास की गारंटी बन चुका है।

उन्होंने कहा कि मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि रिफॉर्म के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सिर्फ कागजों तक ही सीमित नहीं है। हम किसी से प्रशंसा नहीं चाहते मगर देश को मजबूत बनाने के लिए हम लगातार कदम उठा रहे हैं। हमने व्यवहारिक के स्तर पर कई कदम उठाए हैं जिसका नतीजा दिखने लगा है।

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