Rajasthan Election 2023: गुर्जर वोट बैंक के लिए तीखी जंग, पीएम मोदी ने बार-बार किया पायलट का जिक्र, पूर्वी राजस्थान पर भाजपा की निगाहें
Rajasthan Election 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपनी चुनावी सभाओं के दौरान बार-बार राजेश पायलट और उनके बेटे सचिन पायलट का जिक्र किया जाना अनायास नहीं था।
Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए कल वोटिंग होने वाली है और गुरुवार की शाम राज्य में चुनावी शोर थम चुका है। इस बार के विधानसभा चुनाव में गुर्जर वोट बैंक के लिए भाजपा और कांग्रेस में तीखी जंग दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपनी चुनावी सभाओं के दौरान बार-बार राजेश पायलट और उनके बेटे सचिन पायलट का जिक्र किया जाना अनायास नहीं था।
दरअसल भाजपा की निगाहें पूर्वी राजस्थान में गुर्जर वोट बैंक पर लगी हुई है॔। राजस्थान में गरीब 8 से 9 फ़ीसदी गुर्जर वोट हैं जो राज्य की 30 से 35 विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। पिछले चुनाव के दौरान गुर्जर बहुल सीटों पर भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी सभाओं में पायलट का जोर-जोर से जिक्र किया। अब यह देखने वाली बात होगी कि मोदी के इस भाषण का कितना सियासी असर पड़ता है।
राजेश पायलट व सचिन के साथ अन्याय का जिक्र
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कड़े मुकाबले के मद्देनजर भाजपा ने इस बार हर तरह के हथियार आजमाए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सभाओं में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट को याद किया और कहा कि राजेश पायलट ने गांधी परिवार को ललकारा था जिसकी सजा आज तक उनके बेटे सचिन पायलट को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत से यह झूठ बोल रही है कि पार्टी के शाही परिवार ने कभी राजेश पायलट का अपमान नहीं किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट को निकम्मा और गद्दार कहे जाने का भी जिक्र किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने अतीत में राजेश पायलट का अपमान किया था और अब सचिन पायलट के साथ पार्टी में अन्याय हो रहा है। गुर्जरों का जितना अपमान कांग्रेस ने किया है, वह पहले की पीढ़ी ने देखा और अब आज की पीढ़ी भी देख रही है।
गुर्जर मतदाताओं पर भाजपा की निगाहें
सियासी जानकारी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं को गुर्जरों की याद अनायास नहीं आई है। परंपरागत रूप से गुर्जर भारतीय जनता पार्टी के वोटर माने जाते हैं मगर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान गुर्जरों का समर्थन कांग्रेस को हासिल हुआ था। इस कारण भाजपा को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा था।
राजस्थान में 8 से 9 फ़ीसदी गुर्जर वोटों का असर 30 से 35 विधानसभा सीटों पर काफी गहराई से दिखाई देता है। खासतौर पर पूर्वी राजस्थान में गुर्जर समाज का सबसे ज्यादा असर दिखता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान में गुर्जरों का एकतरफा समर्थन कांग्रेस को हासिल हुआ था।
गुर्जरों को उम्मीद थी कि कांग्रेस को जीत मिलने पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है मगर यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। इसी कारण अपनी चुनावी सभाओं के दौरान पीएम मोदी ने गुर्जरों के जख्म कुरेदते हुए उनका समर्थन भाजपा के लिए हासिल करने की कोशिश की।
पिछले चुनाव में लगा था भाजपा को झटका
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से आठ गुर्जर विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। गुर्जर बहुल 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने गुर्जर उम्मीदवार उतारे थे जबकि कांग्रेस ने गैर गुर्जर उम्मीदवारों को खड़ा किया था। इसके बावजूद भाजपा को इनमें से एक भी सीट पर जीत नहीं हासिल हो सकी। सचिन पायलट की ओर से धुआंधार प्रचार किए जाने के कारण गुर्जरों का समर्थन कांग्रेस को हासिल हुआ था। यही कारण है कि इस बार भाजपा ने पूर्वी राजस्थान में पूरी ताकत लगाई।
पीएम मोदी के हमलों से कांग्रेस सतर्क
भाजपा की ओर से गुर्जरों की अनदेखी का मुद्दा उछाले जाने के बाद कांग्रेस भी सतर्क हो गई है। पीएम मोदी के भाषणों के बाद सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने गुर्जरों का हमेशा सम्मान किया है और इस बार के चुनाव में गुर्जर समुदाय पूरी तरह कांग्रेस का समर्थन करेगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कांग्रेस को हर समुदाय का सम्मान करने वाली पार्टी बताया है।
अब सबकी निगाहें कल होने वाले मतदान पर टिकी हुई हैं। राजस्थान का चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन चुका है। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि राजस्थान के मतदाता करीब तीन दशकों से जारी हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन का सिलसिला इस बार जारी रखते हैं या नहीं।