नई दिल्ली: देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के बाद पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख संदिग्ध कंपनियों का पंजीकरण रद्द किए जाने की घोषणा करते हुए नई कर प्रणाली का पालन कराने में देश के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) से ईमानदारी से अपना योगदान देने की अपील की, साथ ही भविष्य में बेइमानों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन लाख शेल कंपनियां शक के घेरे में हैं और इसके अलावा एक लाख कंपनियों पर ताला जड़ दिया गया है।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशभर के सीए से ईमानदारी की अपील की और ऐसे तत्वों की पहचान करने के लिए कहा जो कर चोरी कर विदेशों में संपत्ति जमा करने वालों की मदद करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, "अगर आपकी नजर में किसी व्यक्ति के पास काला धन है, तो उसे चेतावनी दीजिए कि उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।"
कार्यक्रम में विशाल संख्या में मौजूद सीए और अन्य लोगों ने प्रधानमंत्री के पूरे 45 मिनट के भाषण के दौरान मोदी-मोदी के नारे लगाए।
प्रधानमंत्री ने कहा, "जीएसटी लागू करने से 48 घंटे पहले ही एक लाख शेल कंपनियों पर ताला जड़ दिया गया। यह काम सिर्फ एक कलम चलाकर कर दिया गया।"
नोटबंदी और जीएसटी के संदर्भ में अपनी सरकार की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के फैसले राष्ट्र जीवन जीने वाले लोग ही कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह कोई आम फैसला नहीं है। राजनीतिक गुणा-गणित में उलझे लोग ऐसे फैसले नहीं ले सकते।"
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प्रधानमंत्री ने कहा, "विदेशों में काला धन जमा करने वालों की परेशानी अभी और बढ़ने वाली है। आप चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऐसे लोगों को कानून के बारे में बताएं। नोटबंदी के बाद के आंकड़े अभी आ रहे हैं। 37 हजार शेल कंपनियों की पहचान कर ली गई है। अवैध लेनदेन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी।"
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को अन्य नागरिकों की ही तरह देशभक्त बताते हुए मोदी ने बेलाग होकर कहा, "शेल कंपनियों की किसी न किसी सीए ने मदद की होगी, लेकिन पिछले 11 सालों में केवल 25 सीए के खिलाफ कार्रवाई हुई। उन्होंने सवाल किया कि क्या इतने समय में केवल 25 सीए ने गड़बड़ी की? क्या आप में से ही कुछ लोगों ने उन चोरों की देश को लूटने में मदद नहीं की? क्या आप उन्हें पहचान नहीं सकते?"
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को 'आर्थिक डॉक्टर' और देश की अर्थव्यवस्था का बेहद मजबूत स्तंभ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर में वह ताकत नहीं है, जो आपके (सीए) हस्ताक्षर में है। लेखा रिपोर्ट पर आपके हस्ताक्षर पवित्र होते हैं। यह हस्ताक्षर सच्चाई और विश्वास का प्रमाण होते हैं। आपके हस्ताक्षर के आधार पर ही गरीब अपना पैसा म्यूचुअल फंड्स और कंपनियों में जमा कराते हैं, और जब ये कंपनियां बैठ जाती हैं, तो वे गरीब भी लुट जाते हैं। इस विश्वास को टूटने मत दें।"
उन्होंने कहा, "कुछ लोगों को कर चोरी की आदत पड़ गई है। लोग कर की चोरी करने लगे तो देश का विकास रुक जाता है।"
उन्होंने सीए से अपील की कि अपने क्लाइंट को ईमानदारी से कर भरने की सलाह देने और वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रौद्योगिकी नवाचार अपनाने का अनुरोध भी किया।
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प्रधानमंत्री ने आयकर देने वालों के आंकड़े पर सवाल उठाते हुए कहा, " देश में दो लाख 72 हजार से ज्यादा अकाउंटेंट्स हैं और दो लाख उनके सहायक हैं। इस पेशे से जुड़े अन्य लोगों को मिला दें तो अकाउंटेंट्स से जुड़े पेशेवरों की संख्या आठ लाख हो जाती है। देश में दो करोड़ इंजीनियर हैं और दो करोड़ से अधिक लोग हर साल विदेश घूमने जाते हैं। लेकिन सिर्फ 32 लाख लोग अपनी कमाई 10 लाख रुपये से ऊपर बताते हैं। क्या आपको इस पर विश्वास है? हर साल करोड़ों की संख्या में गाड़ियां खरीदी जाती हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरी और आपकी देशभक्ति में कोई कमी नहीं है। मैं जितना देश को आगे बढ़ते देखना चाहता हूं, उतना ही आप भी बढ़ते देखना चाहते हैं। बही को सही करने वाले मेरे साथियों इसी तरह कोई भी देश बड़े से बड़े संकट से उबर सकता है। लेकिन कुछ लोगों को यदि चोरी की आदत लग जाए, तो जैसे परिवार नहीं खड़ा हो पाता, उसी तरह देश भी नहीं खड़ा हो पाता।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम इतिहास के अहम मोड़ पर खड़े हैं और देश आर्थिक एकीकरण की नई राह पर चल चुका है।
उन्होंने कहा कि काले धन, भ्रष्टाचार और कर चोरी को खत्म करने और देश में सुधार लाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए है और इसे जमीन पर उतारने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को मदद करनी होगी।