15 अप्रैल को हटेगा लॉकडाउन? CM खांडू ने दावे के बाद डिलीट किया ट्वीट, बताया क्यों

गुरुवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के कहा कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन जरूरी है। बैठक में पीएम ने कहा, 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने जा रहा है

Update:2020-04-02 20:20 IST

नई दिल्ली गुरुवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की और कोरोना वायरस को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के कहा कि आने वाले दिनों में लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन जरूरी है। बैठक में पीएम ने कहा, 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने जा रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग गलियों और सड़कों पर पहले ही तरह घुमना शुरू कर दें। हमें तब भी जिम्मेदारी निभाना होगी। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही कोरोना वायरस से लड़ने का उपाय हैं, जिनका पालन लॉकडाउन के बाद भी किया जाना जरूरी है।

यह पढ़ें...वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद सीएम योगी ने कहा- कोरोना फण्ड की होगी स्थापना

पेमा खांडू का एक ट्वीट

इस वीडियो कान्फ्रेसिंग मीटिंग के बाद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने एक ट्वीट किया, जिसके अनुसार, 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और सबकुछ नॉर्मल हो जाएगा। हालांकि कुछ ही देर बाद पेमा ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक का एक वीडियो ट्वीट करते हुए पेमा खांडू ने लिखा, ‘लॉकडाउन 15 अप्रैल को पूरा हो जाएगा। हालांकि इसका मतलब यह नहीं होगा कि लोग सड़कों पर जाने के लिए स्वतंत्र होंगे। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए हर किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी। सामाजिक दूरी ही इससे बचने का एक मात्र उपाय है।'

इस ट्वीट पर बातें शुरू होने के बाद पेमा खांडू ने इसे डिलीट कर दिया और एक नया ट्वीट किया, 'लॉकडाउन के समय को लेकर किया गया पहले का ट्वीट एक अधिकारी ने किया था। उनकी हिंदी की समझ सीमित है, इसलिए ट्वीट को हटा दिया गया।'

रणनीति तैयार करें

लॉकडाउन (नाकेबंदी) समाप्त होने के बाद आबादी के फिर से घर से बाहर निकलने को ध्यान में रखते हुए राज्यों और केंद्र को एक रणनीति तैयार करनी चाहिए। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में समन्वित प्रयासों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'जिला स्तर पर इस उद्देश्य के लिए आपदा प्रबंधन समूह बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही जिला निगरानी अधिकारियों को नियुक्त किये जाने की जरूरत है।'

 

राज्य और केंद्र स्तर पर आंकड़ों में एकरूपता

उन्होंने कहा कि कोरोना संबंधी आंकड़े मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से ही लिए जाने चाहिए । इससे जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर आंकड़ों में एकरूपता आयेगी। मोदी ने कहा कि यह वास्तव में सराहनीय है कि सभी राज्यों ने एक साथ और एक टीम के रूप में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये काम किया है। मुख्यमंत्रियों ने निजामुद्दीन मरकज से सामने आए मामलों को फैलने से रोकने के लिये उठाये गए कदमों की भी जानकारी दी।

पीएम ने सभी राज्यों से किसानों से अनाज की खरीद के लिये कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) के अलावा दूसरे प्लेटफार्म पर विचार करने को कहा । प्रधानमंत्री ने जरूरी चिकित्सा उत्पादों की अपूर्ति बनाये रखने, दवा के उत्पादन के लिये कच्चे माल एवं चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जरूरत पर भी बल दिया ।

 

यह पढ़ें...एक दिन में 950 मौत: रिकार्ड टूटा इस देश का, मेडिकल का कुछ पता नहीं

अब तक..

कोविड-19 के प्रकोप और इससे जुड़े मुद्दों के सामने आने के बीच पिछले दो सप्ताह से कम समय में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की यह दूसरी बातचीत है। पहली ऐसी बातचीत 20 मार्च को हुई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण देश में मृतकों की संख्या 68 हो गई है और इससे संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2308 पर पहुंच गया है। बता दें, भारत में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं कि लोग घरों में रहें ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके, लेकिन कहीं-कहीं लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं।

Tags:    

Similar News