PM Modi On Nepotism: PM मोदी का परिवारवाद पर बड़ा हमला, BJP के टिकट बंटवारे में दिखेगा असर, बेटे-बेटियों को टिकट दिलाने की आस अब पूरी होना मुश्किल

PM Modi On Nepotism: प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आज परिवारवाद पर बड़ा हमला किए जाने के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट बंटवारे में कई नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट से वंचित होना पड़ेगा। भाजपा के बुजुर्ग हो चुके कई बड़े नेता आने वाले चुनाव के दौरान अपने परिजनों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर मोदी के तेवर से साफ हो गया है कि ऐसे लोगों को टिकट मिलना अब काफी मुश्किल है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-02-05 16:00 GMT

पीएम मोदी का परिवारवाद पर बड़ा हमला, भाजपा के टिकट बंटवारे में भी दिखेगा असर: Photo- Social Media

PM Modi On Nepotism: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए लोकसभा में आज कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है मगर विपक्ष के लोग अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल साबित हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से आज परिवारवाद पर बड़ा हमला किए जाने के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट बंटवारे में कई नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट से वंचित होना पड़ेगा। भाजपा के बुजुर्ग हो चुके कई बड़े नेता आने वाले चुनाव के दौरान अपने परिजनों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर मोदी के तेवर से साफ हो गया है कि ऐसे लोगों को टिकट मिलना अब काफी मुश्किल है।

कांग्रेस और परिवारवाद पर जमकर तीर चलाए

अपने सम्बोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद पर जमकर तीर चलाए। उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में अपनी ही दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक परिवार के चक्कर में फंस गई है और वह इस परिवार से बाहर कुछ भी देखने को तैयार नहीं है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक प्रकार से कांग्रेस ने खुद का, संसद का, देश का और विपक्ष का बड़ा नुकसान किया है। देश को अच्छे और स्वस्थ विपक्ष की जरूरत है। देश ने जितना परिवारवाद का खामियाजा उठाया,उतना ही खामियाजा कांग्रेस ने भी उठाया है। हमारे खड़गे जी इस सदन से उस सदन में शिफ्ट हो गए। गुलाम नबी आजाद पार्टी से शिफ्ट हो गए। सब परिवारवाद की भेट चढ़ गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश परिवारवाद से त्रस्त है। विपक्ष में एक ही परिवार की पार्टी है। हमें देखिए, ना राजनाथ जी की राजनीतिक पार्टी है और ना ही अमित शाह की। जहां एक परिवार की पार्टी ही सर्वेसर्वा हो,यह लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है।

बुजुर्ग नेताओं को किनारे करने की नीति

प्रधानमंत्री मोदी के आज के संबोधन से भाजपा के ऐसे नेताओं की धुकधुकी बढ़ गई है जो अब बुजुर्ग हो चुके हैं मगर अपने परिजनों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। 2014 में पार्टी ने 75 वर्ष या उससे अधिक के अधिक आयु के नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया था। पार्टी के इस फैसले से भाजपा के संस्थापक सदस्य रह चुके लालकृष्ण आडवाणी और डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज नेता भी किनारे हो गए थे। उन्हें चुनाव लड़ने का मौका भी नहीं मिल सका। 2014 में देवरिया से सांसद रहे और और केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र को भी 75 वर्ष से अधिक आयु होने के कारण 2018 में मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। मौजूदा समय में कलराज मिश्रा राजस्थान के राज्यपाल के रूप में भूमिका निभा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव का दौरान भी 75 वर्ष से अधिक आयु वाले नेताओं को किनारे कर दिया गया था। पार्टी की इस नीति के कारण तत्कालीन मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, राजेश अग्रवाल और विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित समेत कई विधायकों के टिकट काट दिए गए थे।

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बड़े नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट मिलना मुश्किल

देश में जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए नेताओं ने टिकट के लिए जोड़ तोड़ शुरू कर दी है। कई बुजुर्ग नेता अपने बेटे-बेटियों या किसी अन्य परिजन को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर मोदी के तेवर से साफ हो गया है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व परिवारवाद को बढ़ावा देने के पूरी तरह खिलाफ है। प्रधानमंत्री मोदी के आज के भाषण का सबसे उल्लेखनीय पहलू परिवारवाद पर उनका सीधा प्रहार रहा। ऐसे में अपने परिजनों को टिकट दिलाने की कोशिश में जुटे नेताओं के हाथ निराशा लग सकती है।

सियासी जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट बंटवारे का आधार तय कर दिया है। पार्टी की ओर से नए चेहरों और युवाओं को ज्यादा मौका दिए जाने की संभावनाएं हैं। इस कारण बुजुर्ग नेताओं और कई बार चुनाव लड़ चुके अन्य नेताओं को निराश होना पड़ सकता है। अपने परिवार के लिए पैरवी करने वाले नेताओं को भी कामयाबी नहीं मिलने वाली है।

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